कदौरा (जालौन)। गोशालाओं में अव्यवस्था से नाराज राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 47 गोशालाओं पर जुर्माना लगाया है। इसमें छह गोशालाओं पर 2.45-2.45 लाख और 41 गोशालाओं पर 2.55-2.55 लाख रुपये जुर्माना लगाया है।

अन्ना मवेशियों को संरक्षित करने के लिए बनाई गई गोशालाओं की स्थिति बद से बदतर है। तमाम शिकायतों के बाद भी न तो प्रधानों ने ध्यान दिया और न ही अफसरों ने कोई कार्रवाई की। इससे व्यथित समाजसेवी व राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) कोर कमेटी के सदस्य पुष्पेंद्र कुमार ने इसकी शिकायत एनजीटी से की थी। साक्ष्य के तौर पर उन्होंने फोटो और वीडियो भी उपलब्ध कराए थे। एनजीटी ने इसकी जांच कराई तो शिकायतें सही मिलीं। एनजीटी ने दो माह पूर्व कदौरा ब्लॉक की छह ग्राम पंचायतों की गोशालाओं पर प्रति गोशाला 2.45 लाख जुर्माना लगाया था। जुर्माना प्रतिदिन पांच हजार रुपये भरना था, लेकिन ब्लॉक के जिम्मेदारों ने न जुर्माना भरा और न ही व्यवस्थाएं दुरुस्त कीं। इस पर एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए करीब 17 दिन पूर्व 41 अन्य गोशालाओं पर प्रति गोशाला 2.55 लाख का जुर्माना लगा दिया।

एनजीटी की इस कार्रवाई के बाद भी जिम्मेदारों का रवैये में कोई सुधार नहीं हुआ। गोशालाओं की हालत अभी भी खराब है। छह सितंबर को एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एसवीएस राठौर और भारत सरकार के पूर्व सचिव एनजीटी सदस्य अनंत कुमार सिंह ने जिले का दौरा किया था। अव्यवस्थाएं मिलने पर कड़ी आपत्ति जताकर सुधार के आदेश दिए थे।

इन गोशालाओं में लगा है जुर्माना

जून 2023 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली एनजीटी ने पत्र जारी कर कदौरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत बारा,इमिलिया बुजुर्ग, संदी, जौराखेरा, उकासा और सुनेहटा गोशाला में 2.45 लाख का जुर्माना लगाया था। 17 दिन पूर्व एनजीटी ने ग्राम पंचायत सुरौला,मरगांया, बरखेरा, मटरा ,हरचंद्रपुर, जमरेही, खुटमिली, भेड़ी, कानाखेड़ा, इकौना,बवीना,सजेहरा, काशीरामपुर,उसरगांव,छौंक आदि में 2.55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। एनजीटी ने बीडीओ को दोषी मानते हुए नोटिस भी दिया है। बीडीओ मानू लाल यादव का कहना है कि उनको जानकारी नहीं है।

19 सितंबर को फिर आ रही एनजीटी टीम

गोशालाओं की व्यवस्थाएं दुरुस्त न होने की शिकायतों को देखते हुए 13 दिन में दूसरी बार एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एसवीएस राठौर व भारत सरकार के पूर्व सचिव एनजीटी सदस्य अनंत कुमार सिंह के आने का पत्र जारी हुआ है। पत्र जारी होने के बाद गोशालाओं को दुरुस्त करने में जिम्मेदार जुट गए हैं।

फोटो-8-अव्यवस्थित उदनपुर गांव की गोशाला।

कागजों में स्थिति बेहतर, हकीकत में कचरे में विचरण कर रहे गोवंश

संवाद न्यूज एजेंसी

उरई। प्रशासन अन्ना मवेशियों को गोशालाओं में संरक्षित करने का दावा करता है, जबकि हकीकत में अन्ना मवेशी सड़क, खेत और खलिहानों में विचरण कर रहे हैं। मोहल्ले की गली हो या फिर हाईवे। हर तरफ अन्ना मवेशियों के झुंड विचरण कर रहे हैं। खाने के लिए हरी घास नहीं, कूड़े में विचरण करना इनका नसीब बन गया है। एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे के बाद भी प्रशासन सचेत नहीं हुआ।

जिले भर में अन्ना गोवंश की समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शासन स्तर पर भले ही कागजों में सब चीजें अच्छी हों। हकीकत में गोवंशों को अपना ठिकाना तक नहीं मिल रहा है। अन्ना मवेशी आपस में लड़कर दूसरों को नुकसान पहुंचा रहे। बीच सड़क पर बैठकर हादसों का कारण भी बन रहे हैं।

जिले में 383 गोशाला हैं। इसमें 204198 गोवंश संरक्षित करने का दावा किया जा रहा है। कदौरा ब्लॉक में 36608, महेवा ब्लॉक में 22472, माधौगढ़ ब्लॉक में 15823, रामपुरा ब्लॉक में 12483, जालौन ब्लॉक में 19348, कुठौंद ब्लॉक में 18885, कोंच ब्लॉक में 20151, नदीगांव में 25626 और डकोर ब्लॉक में 32802 गोवंश संरक्षित हैं। इसके बाद भी जगह-जगह अन्ना मवेशी विचरण करते हैं।

गोशालों में भी स्थिति ठीक नहीं मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की गोशालाओं की स्थिति सबसे खराब है। गोवंशों को हरा चारा तक नहीं मिल पाता है। इलाज न होने से बीमार गोवंश दम तोड़ रहे हैं। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर आए दिन वायरल होते हैं। गुरुवार को डीएम राजेश पांडेय ने सरसौखी गोशाला का निरीक्षण किया था। अव्यवस्थाएं मिलने पर पशुधन प्रसार अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि मिली थी। पूर्व में भी डीएम ने कई कार्रवाई गोशालों के संचालकों के खिलाफ की है। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आया है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें