
देवी अहिल्या संस्मरण समारोह में संबोधित करते सीएम योगी।
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को इंदौर आए। उन्होंने देवी अहिल्या स्मरण समारोह में कहा कि हमने उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बदला है। उसे उत्तम प्रदेश बनाया है। अब वहां का युवा अपनी पहचान नहीं छुपाता। उसे यह बताने में गर्व होता है कि वह उत्तर प्रदेश से है। लोक कल्याण का माॅडल महापुरुषों की देन है। देवी अहिल्या ने काशी विश्वनाथ मंदिर देवी अहिल्या की देन है।
काशी विश्वनाथ कारिडोर को जब निर्माण हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवी अहिल्या का उल्लेख किया और उनका स्मारक बनाने के लिए कहा था। हमने उनका स्मारक बनाया। काशी विश्वनाथ में हर दिन पांच लाख से ज्यादा लोग आते है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि देश में पहले अलग-अलग राजे-रजवाड़े थे, लेकिन संपूर्ण भारत हजारों वर्षों से एक रहा है। देश राजनीतिक बंधनों से कभी जकड़ा नहीं रहा, सांस्कृतिक एकता हमेशा कायम रही। आदिशंकराचार्य का चार पीठों की स्थापना देश के अलग-अलग कोनो में करना इसका उदाहरण है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब भारतीयता, सनातन धर्म पर वहीं लोग सवाल उठा रहे है जो राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे। हर कालखंड में देश को अपमानित करने की कसर नहीं छोड़ी। सनातन रावण, कंस के अत्याचार और बाबर और औरंगजेब की तलावार से नहीं खत्म हुआ तो उसे सत्ताजीवी क्या मिटा पाएंगे।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि देवी अहिल्या को न्यायप्रियता और सुशासन के लिए याद किया जाता है। उनका प्रतिक हम योगी आदित्यनाथ को भी मानते है। भविष्य में उम्मीदों की किरण के रुप में वे काम कर रहे है। समारोह में गुणीजन सम्मान डाॅ. विवेक गावड़े को दिया गया। समारोह के बाद गांधी हाॅल से राजवाड़ा तक देवी अहिल्या की पालकी निकली। जिसका जगह-जगह स्वागत हुआ।