
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में फिलहाल हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा। उत्तरी और पश्चिमी मध्यप्रदेश में चक्रवाती हवाओं के चलते ऐसा हो रहा है। अगले दो दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। 14 सितंबर से मौसम करवट लेगा और पूरे प्रदेश में तेज बारिश की संभावना बनेगी। यानी इस बार बरसते पानी में ही भगवान श्रीगणेश का आगमन होगा।
मौसम विभाग ने छह संभागों के जिलों में वज्रपात की येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे के लिए सिवनी, मंडला, बालाघाट और मुरैना जिलों में मध्यम से भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। रीवा, सागर, शहडोल, भोपाल, नर्मदापुरम और ग्वालियर संभागों के जिलों के साथ ही कुछ अन्य जिलों में वज्रपात के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम बन रहा है। इसकी वजह से पूरे प्रदेश में तेज बारिश होने का अनुमान है। 20 सितंबर तक इस नए सिस्टम का असर देखने को मिलेगा। इससे प्रदेश के अधिकांश इलाकों में तेज बारिश के साथ आंधी-तूफान की स्थिति बन सकती है।
अभी उत्तरी और पश्चिम मध्यप्रदेश के चंबल, विंध्य और बुंदेलखंड के कुछ क्षेत्रों में रुक-रुककर बारिश हो रही है। शाजापुर, उज्जैन, झाबुआ में भी हल्की बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम बन रहा है। इसका असर अगले हफ्ते देखने को मिलेगा। यह पूरे प्रदेश में प्रभाव दिखाएगा। 14 से 20 सितंबर तक पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश होने की संभावना है।
कहां कितनी हुई बारिश
बीते 24 घंटों में भोपाल में 7.4 मिमी, पचमढ़ी में 6.0 मिमी, सतना में 4.0 मिमी, गुना में 0.8 मिमी और ग्वालियर-मंडला में 0.1 मिमी बारिश दर्ज हुई है।
वज्रपात की चेतावनी
मौसम विभाग ने सिवनी, मंडला, बालाघाट और मुरैना जिलों के लिए मध्यम से भारी वर्षा/वज्रपात का यलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही रीवा, सागर, शहडोल, भोपाल, नर्मदापुरम और ग्वालियर संभागों के जिलों में तथा छिंदवाड़ा, भिंड, डिंडोरी, श्योपुर कलां, बुरहानपुर और कटनी जिलों में कहीं-कहीं गरज चमक और वज्रपात की संभावना को देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
गरज-चमक के समय सावधानियां
संभव हो तो यात्रा से बचें। सुरक्षित आश्रय लें। पेड़ों के नीचे शरण न लें। कंक्रीट के फर्श पर न लेटें। कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। इलेक्ट्रिकल उपकरणों का प्लग निकाल दें। तूफान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें।