MP News: Shivraj inaugurated the State Forest Martyr Memorial, CM said - Now Rs 25 lakh will be given to fores

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
– फोटो : अमर उजाला

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर राज्य वन शहीद स्मारक एवं चंदनपुरा नगर वन लोकार्पण किया। इस अवसर पर सीएम ने घोषणा की कि वन रक्षा शहीदों को मिलने वाली सम्मान निधि 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी जाएगी। सीएम ने कहा कि राष्ट्र ऋणी है, उनका जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर वनों की सुरक्षा का कार्य किया है। हर साल मध्य प्रदेश में हम राष्ट्रीय वन शहीद दिवस हम उद्देश्यपूर्ण ढंग से मनाएं, ऐसा प्रयास किया जाएगा। 

सीएम शिवराज ने कहा कि मैं महावत, वन रक्षकों सहित वनों की रखवाली करने वाले मित्रों के साथ बैठक करुंगा। सभी के प्रतिनिधियों को सीएम में बुलाकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेंट चेंज के खतरे यह सिद्ध करते हैं कि दुनिया को भारत के बताए रास्ते पर चलना पड़ेगा। पेड़ बचेंगे तो हम बचेंगे। वन विभाग ने फारेस्ट कवर को बढ़ाने का काम किया है। यह मध्य प्रदेश जंगलों की रक्षा करने वाला प्रदेश में बन गया है। देश के साढ़े 12 प्रतिशत वन हमने बचा के रखे है। हमने वन नहीं वन्य प्राणी भी बचाए। हम फिर टाइगर स्टेट है। तेंदूआ, लेपर्ट स्टेट भी हम ही है। घड़ियाल भी हमने ही बचाए है। गिद्दों की रक्षा भी हमारे यहां ही हो रही है। अब चीता स्टेट भी हम बन गए है। वन एवं वन्य प्राणियों को बचाने वाले हम है। 

दस पुत्रों के समान एक वृक्ष होता है 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मत्सय पुराण का श्लोक का उल्लेख कर बताया कि दस कुओं के समान एक बावड़ी, दस बावड़ियों के समान एक तालाब, दस तालाबों के समान एक पुत्र और दस पुत्रों के समान के वृक्ष होता है। सीएम ने कहा कि वनों और वृक्षों का महत्व भारत में हजारों सालों से है। उन्होंने कहा कि जब हम वृक्षों को बचाते है तो हम आने वाली पीढ़ी को भी बचाने का काम करते है। यह भारत है, जो वृक्षों की पूजा करते आ रहा है। इसका भाव एक ही है कि यदि यह नहीं बचे तो हम भी नहीं बचेंगे। 

महाकाल महाराज की कृपा से कंट टल गया 

सीएम ने कहा कि प्रदेश में बारिश नहीं हो रही थी। अकाल की स्थिति बन गई थी। किसानों की फसलें सूख रही थी। एक बड़ा संकट प्रदेश के द्वारा पर आ खड़ा हुआ था। लेकिन अब महाकाल महाराज की कृपा से संकट टल गया है। हम सूखे से बच गए हैं। मैं महाकाल महाराज को प्रणाम करता हूं। यदि ह्दय से प्रार्थना की जाती है तो वह जरूर पूरी होती है। 

 



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