
बीजेपी का गढ़ है उज्जैन उत्तर सीट
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देश भर में धार्मिक नगरी के नाम से उज्जैन की एक अलग ही पहचान है। इस नगर में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही अनेक चमत्कारी मंदिर है, लेकिन इस नगरी की पहचान महाकालेश्वर मंदिर के पास बनाए गए महाकाल लोक के बाद और भी बढ़ गई है। जहां अब प्रतिदिन देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसी नगरी में मध्यप्रदेश की उज्जैन उत्तर विधानसभा भी है, जिसका क्रमांक 216 है।
वैसे तो यह सीट हमेशा से ही भाजपा की ही रही है, लेकिन 33 साल में सिर्फ एक बार साल 1998 में इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को विजयश्री हासिल हुई थी। लेकिन उसके बाद साल 2003, 2008, 2013 और 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पारस जैन को ही जीत हासिल हुई है। उज्जैन उत्तर विधानसभा के साल 2018 के चुनाव परिणाम की ओर ध्यान दिया जाए तो कुल 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे। लेकिन जीत भाजपा के पक्ष में गई थी।
पारस जैन ने कांग्रेस के राजेंद्र भारती को 25,724 मतों के अंतर से हराकर यह मुकाबला जीता था। पारस जैन को चुनाव में 77,271 वोट मिले थे। जबकि राजेंद्र भारती के खाते में 51,547 वोट ही आए थे। पिछले चार बार से चुनाव में कांग्रेस को यहां हार का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल बाद सरकार बनाई थी। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से बगावत करने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे कांग्रेस की सरकार 15 महीने में ही गिर गई थी।
उज्जैन उत्तर से कांग्रेस की टिकट पर साल 2018 का विधानसभा चुनाव हारे राजेंद्र भारती ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस पार्टी को छोड़े जाने के बाद वह भी भाजपा में शामिल हो गए और राजेंद्र भारती वर्तमान में भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य हैं। अगर बीते 20 साल की बात करें तो साल 2003 से लेकर साल 2018 तक पार्टी ने इस सीट पर अपने प्रत्याशियों को भी बदला। लेकिन इसके बावजूद भी इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी को ही विजयश्री मिलती रही है।
अगर पिछले चुनावों की बात करें तो साल 1980 में कांग्रेस के राजेंद्र जैन, साल 1985 में कांग्रेस के बटुकशंकर जोशी, साल 1990 व 1993 में भाजपा के पारस जैन, साल 1998 में राजेंद्र भारती और उसके बाद से लगातार साल 2003, 2008, 2013 और 2018 में भाजपा के पारस जैन को इस सीट से विजय श्री मिली और वह यहां से विधानसभा भी पहुंचे।
विधानसभा की आबादी पर एक नजर
उज्जैन उत्तर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 1951 में, तत्कालीन मध्यभारत राज्य के 79 विधानसभा क्षेत्रों मे से एक के रूप में अस्तित्व में आया। यह विधानसभा क्षेत्र नगर निगम के वार्ड क्रमांक 1 से 32, 34 और 35 में शामिल है। अगर 31 जुलाई 2023 तक प्रशासन के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो उज्जैन उत्तर विधानसभा क्रमांक 216 में कुल 2,21,472 की आबादी है, जिसमें पुरुषों की संख्या कुल 1,11,280 है। जबकि महिलाओं की संख्या 1,10,169 है। जबकि थर्ड जेंडर की बात की जाए तो इनकी संख्या कुल 23 है। उज्जैन उत्तर को ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र कहा जाता है। लेकिन इसके अंतर्गत कुछ क्षेत्र मुस्लिम आबादी के भी आते हैं। यहां पर अधिकतर लोग हिंदी और मालवी भाषा बोलते हैं। पांच साल पहले साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट पर कुल 52 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
यह है उज्जैन उत्तर की पहचान
उज्जैन को कई साल से धार्मिक नगरी के नाम से जाना पहचाना जाता है। यहां विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही अन्य कई ऐसे मंदिर हैं, जिनके चमत्कारों की ख्याति देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैली हुई है। यही कारण है कि इन चमत्कारों को देखने और भगवान के दर्शन करने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु धार्मिक नगरी उज्जैन आते हैं। इस शहर में सिंधिया घराने की भी कई विरासत कोठी, कालियादेह महल, गोपाल मंदिर आदि क्षेत्र हैं। वैसे तो उज्जैन नगरी की पहचान धर्मनगरी के नाम पर ही है, लेकिन यहां के नमकीन और तोस काफी लोकप्रिय हैं, जिन्हें देशभर में पसंद किया जाता है।
रिपोर्टः उज्जैन से नीलेश नागर