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– फोटो : अमर उजाला, इंदौर

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सर्वोच्च न्यायालय के चर्चित अधिवक्ता एवं पीआइएल मैन के रूप में पूरे देश में पहचाने जाने वाले अश्विन उपाध्याय ने कहा है कि जिस तरह अधिकारियों, डॉक्टर, जज सभी के चयन के लिए योग्यता की परीक्षा होती है इसी तरह से सांसद, विधायक और पार्षद के लिए भी योग्यता की परीक्षा आयोजित की जाना चाहिए।

उपाध्याय यहां जाल सभागृह में संस्था अभ्यास मंडल के 65 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किए गए कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर बीमारी का इलाज है। ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसका कोई इलाज नहीं। हमारे शरीर की बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर होता है। जो की परीक्षा के माध्यम से चयनित किया जाता है। फिर शिक्षा प्राप्त करता है और डॉक्टर बनता है। हमारे देश में सांसद, विधायक, पार्षद समाज के डॉक्टर हैं। समाज की बीमारियों का उपचार करना उनकी जिम्मेदारी है लेकिन यह लोग इलाज नहीं कर रहे हैं बल्कि बीमारी को बढ़ावा दे रहे हैं। जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद और मजहब वाद को बढ़ाने का काम यह लोग कर रहे हैं। जहां पर वोट और नोट होता है वहां पर यह लोग काम करते हैं। आज पूरी दुनिया की दो प्रतिशत जमीन हमारे पास है, 4% पानी हमारे पास है लेकिन आबादी 20% हमारे पास है।

 

राजनीति के लिए न्यूनतम शिक्षा और अधिकतम उम्र का कानून बने

उपाध्याय ने कहा कि इन विषयों पर कहीं चर्चा नहीं होती है। समस्या पर चर्चा होती है, समस्या के कारण पर कभी चर्चा नहीं होती। देश में जनसंख्या के विस्फोट पर कभी चर्चा नहीं होती। हमारे देश को, हमारे समाज को अच्छा डॉक्टर चाहिए। देश के लिए बेस्ट क्वालिटी के लोग सांसद, विधायक, पार्षद के पद पर चाहिए लेकिन वेस्ट क्वालिटी के लोग आ रहे हैं। सेना में जाने वाले व्यक्ति का चयन एनडीए की परीक्षा से, वकील के कार्य के लिए आने वाले व्यक्ति का चयन क्लेट की परीक्षा से, बैंक के मैनेजर का काम करने वाले व्यक्ति का चयन दूसरी परीक्षा से होता है। इस तरह से सांसद, विधायक, पार्षद के लिए भी लेजिस्लेटर एलिजिबिलिटी टेस्ट शुरू किया जाना चाहिए। हमारे संविधान के निर्माता बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि हमें अनपढ़ जनप्रतिनिधि नहीं चाहिए। हमें बेस्ट टैलेंट चाहिए। उस समय पर कानून में सांसद, विधायक के लिए न्यूनतम शिक्षा का प्रावधान किया जाना था लेकिन हकीकत यह थी की आजादी के आंदोलन में भाग लेने वाले नेताओं ने पढ़ाई छोड़ दी थी। इस कारण से न्यूनतम योग्यता का प्रावधान नहीं किया गया। इसी तरह से इन पदों के लिए अधिकतम आयु का भी प्रावधान किया जाना था। उस समय भी यह समस्या थी कि देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लोगों में बहुत से लोग अधिक उम्र के हो गए थे। जिसके चलते हुए यह प्रावधान नहीं किया गया। उस समय यह कहा गया कि आने वाले समय में संसद के द्वारा इस दिशा में कानून बनाया जाएगा।

सख्त कानून हर अपराध को कम कर सकते हैं

उपाध्याय ने कहा कि हमारे देश में कानून बनाने का काम संसद और विधानसभा के द्वारा किया जाता है। यह देश का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है। इस कार्य को करने वाले लोगों का कोई क्वालिफिकेशन तय नहीं है। यदि हम सांसद, विधायक, पार्षद के लिए टेस्ट शुरू कर देंगे तो उससे पूरा कूड़ा कचरा साफ हो जाएगा। जिस तरह से इंदौर के लोगों ने इंदौर को स्वच्छ किया है। इस तरह से देश की लोकसभा, विधानसभा और नगर निगम भी स्वच्छ हो जाएगी। आज यह दुर्भाग्य की बात है कि पार्षद को नहीं पता कि उसका कार्य क्या है? पार्षद के काम को पार्षद भी कर रहा है, विधायक भी कर रहा है और सांसद भी कर रहा है। हमारे देश में 80% समस्या का समाधान कानून के माध्यम से किया जा सकता है। आज नशे की पुड़िया कॉलेज के पास बिक रही है। पिछले दिनों सिंगापुर में एक व्यक्ति को 900 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे फांसी दे दी गई। उसके बाद में वहां पर कोई इस कारोबार को नहीं करता है। जब हम अपने कानून को ऐसा बना देंगे तो ऐसे कारोबार अपने आप रुक जाएंगे। समाज के कार्य करने की गति और शासन के कार्य करने की गति में जमीन आसमान का अंतर होता है। जिस काम को करने में समाज को 100 साल लगेंगे, उस कार्य को शासन एक साल में कर सकता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज कई सालों से हम लोग कह रहे हैं कि दो पहिया वाहन चलाने वाले हेलमेट जरूर लगाए लेकिन इस नियम का पालन नहीं हो सका। नियम बना दीजिए कि कल से हेलमेट लगाकर नहीं चलने वाले व्यक्ति का ₹50000 का चालान बनाया जाएगा फिर देखिए कितने दिन में इस कानून का पालन हो जाता है।

चंद्रगुप्त मौर्य के समय पर हमारे देश की जीडीपी 40% थी

अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि जब हमारे देश का संविधान बनाया गया था तब 50 देश के संविधान का अध्ययन किया गया था। इसमें 10 देश के संविधान में से चीज ली गई थी। अब तो हालत यह हो गई है कि एक राज्य कोई कानून बनता है तो वह दूसरे राज्य के द्वारा उसे बारे में बनाए गए कानून का भी अध्ययन नहीं करता है। चंद्रगुप्त मौर्य के समय पर हमारे देश की जीडीपी 40% थी, आज हमारे देश की जीडीपी 8% है। हमारे देश में 2000 साल पहले अपराध कम थे आज ज्यादा हैं। हमारे देश में जीवन के 16 संस्कार की बात की जाती है। यह संस्कार हम भूल गए। यदि इन संस्कारों को याद कर लेंगे, इन संस्कारों का प्रचार कर देंगे तो समाज की स्थिति बदल जाएगी। 

अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ने देश को बर्बाद किया

देश की शिक्षा की व्यवस्था की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम बच्चों को शिक्षा में ऐसी चीज पढ़ रहे हैं जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। हमारे वेद में अष्टांग योग दिया हुआ है इसे शिक्षा में शामिल कर दीजिए। देश के लोगों में योग और संस्कार आ जाएंगे। देवी अहिल्या के सपनों का भारत बनाने के लिए यह एक जरूरी और महत्वपूर्ण पहल होगी। नया परिणाम प्राप्त करने के लिए हमें नया काम करना होगा। हमारी शिक्षा की वैदिक और गुरुकुल की पुरानी व्यवस्था को एक बार फिर लागू करना होगा। हर स्कूल में सूर्य नमस्कार कराया जाना चाहिए। हर क्लास के बच्चे के लिए योग और प्राणायाम को अनिवार्य करना होगा। यदि हमने ऐसा कर दिया तो हमारा स्वास्थ्य का 25% बजट कम हो जाएगा। यदि हमने अष्टांग योग को लागू कर दिया तो 25% अपराध कम हो जाएंगे। 

हर वार्ड में बनाएं योग की क्लास 

उन्होंने कहा कि इंदौर हमेशा से नई और अच्छी पहल करता रहा है। अब यहां पर हर वार्ड में योग मित्र की व्यवस्था को शुरू किया जाना चाहिए। वार्ड में रहने वाले लोग एक साथ आकर बैठें और एक साथ योग करें। यह व्यवस्था लागू की जाना चाहिए। हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था का भारतीयकरण किया जाना चाहिए। देश के नागरिकों को अंग्रेजी से ज्यादा जरूरत संस्कृत भाषा की है। बाबा साहब अंबेडकर भी इसके पक्षधर थे। इस भाषा का हमारी संस्कृति से सीधा संबंध है। अंग्रेजी जितनी मजबूत होगी हमारी संस्कृति उतनी कमजोर होगी। जब केंद्रीय विद्यालय में एक समान पाठ्यक्रम हो सकता है तो पूरे देश में एक पाठ्यक्रम क्यों नहीं हो सकता है। पूरे देश में एक कानून क्यों नहीं हो सकता है। अमेरिका के कानून में झूठ बोलना अपराध बनाया गया है जबकि हमारे देश के कानून में इस तरह की व्यवस्था नहीं है। हमारे देश को एक बड़े ज्यूडिशल रिफॉर्म की जरूरत है। देश में यह व्यवस्था होना चाहिए कि किसी भी नागरिक की 1 घंटे में एफआइआर हो, एक महीने में उसकी जांच हो और 1 साल के अंदर उसका फैसला आ जाए। यदि ऐसा हो जाएगा तो देश में बड़ा परिवर्तन आ जाएगा। चीन में रिश्वत लेने वाले जनरल मैनेजर को फांसी की सजा दी गई। यदि ऐसी सजा का प्रावधान हमारे देश में कर दिया जाए और ऐसी सजा दे दी जाए तो देश से समस्याएं समाप्त होना शुरू हो जाएगी।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता, उपाध्यक्ष अशोक कोठारी, मुरली खंडेलवाल ने अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। इस अवसर पर अभ्यास मंडल के द्वारा आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। अतिथियों और कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए लोगों के द्वारा 65 दीपक प्रज्वलित किए गए।



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