
माया राजेश त्रिवेदी
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मध्यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दूबे का एक आदेश इन दिनों सुर्खियों में है, जिसमें प्रबंध संचालक, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल और प्रबंध संचालक, एमपी पूर्व/मध्य/पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर/भोपाल/इन्दौर को आदेशित किया गया है। आदेश के तहत प्रदेश में एक किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के बकाया बिल स्थगित कर सितंबर 2023 से उपभोक्ताओं को केवल चालू माह के ही देयक प्रदान किये जाएं।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा जारी दिए गए इस आदेश पर पार्षद एवं प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि माया राजेश त्रिवेदी ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस घोषणा के माध्यम से जनता के साथ फिर छलावा कर रहे हैं। क्योंकि इस आदेश में 31 अगस्त 2023 तक बकाया बिल स्थगित करने की घोषणा की गई है, न की इस बिल को माफ किया गया है। माया राजेश त्रिवेदी ने अमर उजाला को बताया कि इसी प्रकार की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना के दौरान भी की थी। जब आम जनता के साथ किए गए वादे के बाद बिजली बिल माफी को लेकर जनता को काफी परेशान होना पड़ा था। लेकिन घोषणा के बावजूद भी यह राशि जनता से वसूली गई थी।
इस बार आए आदेश में भी ऐसा ही गोलमाल कर जनता को छला जा रहा है। मुख्यमंत्री की इस प्रकार की घोषणा को सिर्फ और सिर्फ विधानसभा चुनाव में वोट जुटाने की साजिश बताया है। माया राजेश त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री शिवराज से यह भी मांग की है कि वह आम जनता का इतना ही भला चाहते हैं तो इन बिलों को स्थगित करने की बजाय 31 अगस्त 2023 तक के सभी बकाया बिलों को माफ करने की घोषणा करें एवं सभी घरेलू उपभोक्ताओ के लिए यह आदेश जारी करवाएं।
यह भी लिखा है आदेश में
इस आदेश में यह भी बताया गया है कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि राज्य में एक किलोवाट तक के समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के बकाया बिलों की राशि को स्थगित किया जाए। बिलों की जांच उपरांत ही स्थगित बिलों के भुगतान पर निर्णय लिया जाए। निर्णय होने तक बकाया राशि पर सरचार्ज नहीं लगाया जाए। वहीं, एक सितंबर 2023 से एक किलोवाट तक के समस्त विद्युत उपभोक्ताओं को केवल चालू माह के ही देयक प्रदान किये जाएं। उपरोक्त निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित कर कृपया कृत कार्यवाही से विभाग को अवगत कराएं।