अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। झांसी मंडल की पैक्स समिति भी आधुनिक बनाई जा रही हैं। पहले चरण में मंडल की 62 समितियां चुनी गईं हैं। इनको सेंट्रल ग्रिड से जोड़ा जा रहा है। सहकारी अफसरों के मुताबिक इससे किसान आसानी से अपनी उपज एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर बेच सकेंगे। इसके साथ ही किसानों को खाद, बीज आदि लेने में भी आसानी होगी।
झांसी मंडल में 165 पैक्स समितियां काम करती हैं। इन समितियों के माध्यम से ही किसानों को खाद, बीज समेत फसली ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है। कई समितियां नैफेड की मदद से खरीफ और रबी सीजन में मूंगफली, उड़द, तिल एवं चना की खरीद करती हैं। हर साल समितियां मूंगफली, उड़द, चने की लाखों रुपये से खरीद करती हैं लेकिन, अभी तक इनका काम कंप्यूटरीकृत नहीं था। इस वजह से उपज खरीद का सही फायदा किसानों को नहीं मिल पाता था। बोगस किसानों से भी इनकी खरीद दिखा दी जाती थी। इसी तरह खाद वितरण में भी समितियां अपनी मनमानी करती थीं। स्टॉक होने पर भी किसानों को खाद नहीं मिल पाती इन सब परेशानियों को देखते हुए सरकार ने समितियों के सभी खाते पूरी तरह ऑनलाइन करने का प्लान तैयार किया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन सेंट्रल ग्रिड बनाया है। इसमें यह सभी समितियां जोड़ी जाएंगी। झांसी में 14, जालौन में 30 एवं ललितपुर में 18 समितियां कंप्यूटरीकृत होने के साथ ही इससे जोड़ी जाएंगी। डीआर उदयभानु के मुताबिक समितियों को आधुनिक करने के लिए इनको कंप्यूटरीकरण कराया जा रहा है। पहले चरण का काम आरंभ करा दिया गया है।