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यही रफ्तार रही तो इस साल काम पूरा होने की उम्मीद कम

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में निर्माणाधीन 500 बेड अस्पताल के निर्माण की चाल बेहद सुस्त है। जबकि, इसको बजट जारी हुए करीब तीन महीने बीत चुके हैं। जिस रफ्तार से निर्माण कार्य चल रहा है, उस हिसाब से तो इस साल में काम पूरा होने की उम्मीद कम है। दूसरी तरफ, कॉलेज प्रशासन ने कार्यदायी संस्था से साफ कह दिया है कि काम में देरी होने पर बजट नहीं बढ़ेगा।

मेडिकल कॉलेज कैंपस में वर्ष 2012 में 500 बेड के अस्पताल की घोषणा होने के बाद 2014 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तब अस्पताल के निर्माण का बजट 1.37 अरब रुपये निर्धारित किया था। बाद में अस्पताल को पूरी तरह वातानुकूलित करने और किस्त मिलने में देरी होने से बजट रिवाइज हो गया। कार्यदायी संस्था ने कहा कि अस्पताल को पूरा करने के लिए 1.74 अरब रुपये की जरूरत है। ऐसे में पिछले पांच साल से अस्पताल का निर्माण कार्य बिल्कुल ठप था। मई 2023 में शासन ने पहली किस्त के रूप में 12 करोड़ रुपये जारी कर दिए। इसके बाद यहां पर साफ-सफाई का काम शुरू हुआ। मगर अब तक निर्माण कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। इससे कॉलेज के अधिकारी भी खुश नहीं हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्माण में देरी होने पर बजट बढ़ाने नहीं बढ़ाने की बात कह दी है।

शासन ने कहा था-पहले रिजल्ट दिखाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त 2022 में निर्माणाधीन 500 बेड अस्पताल का निरीक्षण किया था। रिवाइज बजट की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। कमेटी की रिपोर्ट के बाद शासन ने बजट को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दी। बजट जारी होने के बाद शासन ने कॉलेज प्रशासन से कहा था कि पहले इसका रिजल्ट दिखाएं। कुछ वार्ड शुरू करें। फिर अगली किस्त भी जारी कर दी जाएगी।

वर्जन

कार्यदायी संस्था को मई में बजट उपलब्ध करा दिया था। 12 कराेड़ रुपये से भूतल और पहली मंजिल बनाकर देनी है। धीमे काम के संबंध में शासन से भी शिकायत की जा चुकी है। कई बार संस्था के अधिकारियों के साथ भी बैठक की है। – डॉ. एनएस सेंगर, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज।



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