
अभ्यास मंडल के कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त
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इंदौर के नाइट कल्चर को लेकर कई संगठन विरोध करते है। जनप्रतिनिधि भी इसके पक्ष में नहीं है। इस मुद्दे पर पुलिस आयुक्त मकरंद देउसकर के दिल का दर्द शनिवार को अभ्यास मंडल की भाषण प्रतियोगिता में झलक कर सामने आया । नाइट कल्चर को लेकर उन्होंने कहा कि हर संगठन इसका विरोध कर रहा है । सोशल मीडिया पर इसके नेगेटिव वीडियो वायरल हो रहे हैं । कोई भी नाइट कल्चर के सकारात्मक पहलू को सामने नहीं ला रहा है ।
देउसकर अभ्यास मंडल द्वारा अपने 65 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित अंतर विद्यालय भाषण प्रतियोगिता के समापन सत्र में विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि संस्कृति को कभी भी दिन की संस्कृति और रात की संस्कृति के रूप में विभाजित नहीं किया जा सकता है । संस्कृति हमेशा जीवंत होती है । समय के साथ संस्कृति भी परिवर्तित होती रहती है । हमें कुछ परिवर्तन अच्छे लगते हैं कुछ परिवर्तन को लेकर अलग राय होती है । इंदौर की छप्पन दुकान की सफाई, शहर का स्वच्छता का तमगा और अब मेट्रो रेल के रूप में एक नई सुविधा का आगमन परिवर्तन का संकेत है । अगले 8 से 10 सालों में जब मेट्रो रेल का प्रोजेक्ट पूरा होगा तो हमारी संस्कृति और अलग नए आयाम लेगी।
उन्होंने कहा कि रात के समय पर बाजार को खोलना एक प्रयोग है । रात में झगड़ा होना और सड़क पर डांस होने का वीडियो आप सभी ने देखा होगा । नेगेटिव चीज ज्यादा प्रचारित होती हैं । चटपटी चीज वायरल होती है । जरूरत इस बात की है कि हम सकारात्मक चीजों को नहीं नकारें। आज तक कभी भी यह स्टोरी सामने नहीं आई होगी की रात में बाजार खोले जाने से गरीब पोहे वाले ने इतना व्यापार किया जिससे कि उसने बच्चे के स्कूल की फीस भर दी ।
उन्होंने कहा कि इस बात का सर्वे होना चाहिए कि रात में बाजार को खोले जाने से क्या फायदा हो रहा है ? इस फैसले के खिलाफ तो सारे संगठन है लेकिन अब तक वह उनमें से कोई भी लोग सामने नहीं आए हैं जिन्हे इस फैसले के कारण फायदा हो रहा है ।
उन्होंने कहा कि किसी को भी समस्या नाइट कल्चर से नहीं है । शराब और पब के कल्चर से है । आपको यह ध्यान रखना होगा कि नाइट कल्चर शुरू होने से पहले भी शराब और पब का यह कल्चर रात में मौजूद था । आप शराब और पब के कल्चर का विरोध करें लेकिन उसे नाइट के कल्चर से नहीं जोड़े । पब व शराब पर सख्ती होना चाहिए । जनता का विरोध बढ़ेगा तो इनके खुले रहने का समय जो रात 12:00 बजे तक का है वह भी परिवर्तित हो सकता है । बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए खाने की सुविधा मांगी गई थी ।
किसी भी कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए शराब पीने की सुविधा नहीं मांगी थी । रात में बाजार खोलने वाले मुद्दे पर कुछ भी धारणा बनाने से पहले हमें बहुत विचार करना होगा । हमें भावनाओं के आधार पर फैसला नहीं लेना चाहिए ।
कलेक्टर इलैया राजा टी ने रात्रि कालीन संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि हम इसका गलत अर्थ निकलते हैं । संस्कृति में परिवर्तन हमेशा होता है । जब शहर बढ़ने लगता है तो यह परिवर्तन नजर आने लगता है। इंदौर आईटी का हब बन रहा है ।
देश की अर्थव्यवस्था में पहले सबसे ज्यादा योगदान कृषि क्षेत्र का था । इस समय सबसे ज्यादा योगदान मैन्युफैक्चर और सर्विस सेक्टर का है । नाईट वर्किंग को नाइट कल्चर नहीं कहा जा सकता है । बीआरटीएस कॉरिडोर के 11.45 किलोमीटर क्षेत्र में यह व्यवस्था की गई है कि रात में दुकान खुली रहेगी । नशाखोरी एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है । इससे स्कूल के बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं ।
इस प्रतियोगिता में चमेली देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की हिमांशी सतवानी प्रथम, क्वींस कॉलेज की कामाक्षी कुमार द्वितीय और चोइथराम स्कूल माणिक बाग रोड की काव्य छाजेड़ तृतीय रही ।
इन तीनों विजेताओं को पुलिस आयुक्त एवं प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर हिमांशु जैन के द्वारा पुरस्कृत किया गया । कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता, नेताजी मोहिते, अशोक कोठारी, माला सिंह ठाकुर, वैशाली खरे, शफी शेख, हरेराम वाजपेई, मनीषा गौर, डॉ प्रकाश चौधरी, पल्लवी सुखटनकर ने किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद् डॉक्टर राजीव झालानी ने की। कार्यक्रम का संचालन शेफाली मालवीय ने किया ।