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– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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देश के छात्रों का बेहतर भविष्य बना रहे शिक्षकों का स्वास्थ्य ही खराब है। शहर के 82 प्रतिशत शिक्षक कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस बात का खुलासा इंदौर के सांसद शंकर लालवानी द्वारा किए गए हेल्दी टीचर, हेल्दी फ्यूचर कार्यक्रम के सर्वे में हुआ है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान के तहत शिक्षकों के ब्लड टेस्ट किए गए थे। जिसमें 12 से ज्यादा पैमानों पर उनकी सेहत की जांच की गई थी। सर्वे में जानकारी मिली कि इंदौर के सरकारी और निजी स्कूलों के 82 प्रतिशत शिक्षकों में विटामिन D की कमी है। साथ ही यह शिक्षक शुगर, थायराइड और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों से भी जूझ रहे हैं। सांसद ने बताया कि 18 अप्रैल 2023 को कलेक्टर कार्यालय में शासकीय और निजी स्कूलों तथा कॉलेज के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई थी, जहां टीचर्स के प्रीवेंटिव हेल्थ केयर सर्वे पर चर्चा की गई थी। इसके बाद ही हमने यह प्रोग्राम शुरू किया था।
चार हजार से ज्यादा शिक्षकों का टेस्ट किया
सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि शिक्षक देश का भविष्य गढ़ते हैं, लेकिन वे स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं रह पाते इसलिए हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान के अंतर्गत शिक्षकों के लिए हेल्दी टीचर, हेल्दी फ्यूचर कार्यक्रम चलाया गया था। जिसमें 4 हजार से ज़्यादा सरकारी एवं निजी स्कूलों के टीचर्स के टेस्ट किए गए थे। टीचर्स टेस्ट के जो नतीजे हमारे सामने आए हैं यह चिंता बढ़ाने वाले हैं। वहीं शिक्षक दिवस पर हम तैयारी कर रहे हैं कि दस अस्पतालों के डॉक्टर इंदौर के शिक्षकों को मुफ्त में कंसल्टेशन दें। सेंट्रल लैब, आईएमए और जिला रेड क्रॉस सोसाइटी ने मिलकर यह टेस्ट किए थे।
देश में अपनी तरह की यह पहली केस स्टडी
सेंट्रल लैब की फाउंडर डॉ. विनिता कोठारी ने बताया कि सांसद शंकर लालवानी ने हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान के अंतर्गत शिक्षकों को लाइफ स्टाइल बीमारियों से बचाने के लिए यह विशेष प्रोग्राम चलाने के लिए कहा था। टीचर्स की सेहत के बारे में अपनी तरह की देश कि यह पहली स्टडी है और इसमें से ज्यादातर शिक्षक संभावित बीमारियों के खतरे से अनजान पाए गए और यह बेहद चिंता की बात है।
इनमें से अधिकतर को अपनी बीमारियों की जानकारी ही नहीं थी…
11.18% प्री डायबिटीज या डायबिटीज स्टेज पर हैं।
82% से ज्यादा शिक्षकों में विटामिन डी की कमी मिली।
30% शिक्षकों में विटामिन बी12 कम मिला।
16% शिक्षकों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ था।
1.5% शिक्षकों में क्रिएटिनिन की गड़बड़ी थी जिसकी वजह से करीब 7% टीचर्स लीवर की खराबी का शिकार हो सकते हैं।
14% से ज्यादा टीचर्स में टीएसएच का लेवल गड़बड़ था यानी वे थायराइड के मरीज हो सकते हैं।
60% टीचर्स का बीएमआई लेवल और 36% से ज्यादा टीचर्स का ब्लड प्रेशर असामान्य था।