10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया, चार साल पुराना मामला
संवाद न्यूज एजेंसी
उरई युवक के साथ मारपीट व एससी-एसटी एक्ट के मामले में कोर्ट ने युवक पर दोष सिद्ध साबित होने पर तीन साल के कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड सी सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
शासकीय अधिवक्ता रणकेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि आटा थाना क्षेत्र के संधी गांव निवासी देवसिंह ने 19 जुलाई 2019 को पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 18 जुलाई 2019 को वह अपने खेतों से मवेशी से रखवाली करके घर वापस आ रहा था। जब वह नहर पर पहुंचा तो गांव के ही सुधीर तिवारी ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया।
मना करने पर सुधीर तिवारी ने उसके साथ मारपीट कर दी। जिससे उसके सिर और शरीर में जगह-जगह चोटें आई। पुलिस ने मामला दर्ज कर सुधीर तिवारी को जेल भेज दिया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 23 नवंबर 2021 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
एससी-एसटी कोर्ट में चार साल से चले ट्रायल के बाद शुक्रवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के जिरह व गवाहों के बयानों को सुनने के बाद न्यायाधीश शिवकुमार ने सुधीर तिवारी को दोषी पाते हुए तीन साल के कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। जुर्माने की आधी धनराशि वादी को देने के आदेश दिए।