शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा क्षेत्र से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भाजपा छोड़ी तो उनका दर्द बाहर आ गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी का अहसान बहुत बड़ा है। उन्होंने विधायकों को 35-35 करोड़ में खरीदने में उनकी मदद की है। इस वजह से बीते साढ़े तीन साल से न तो शिवराज जी ने मेरी बात सुनी और न ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने। मेरी शिकायतों को दरकिनार किया गया। इसी वजह से मुझे और भाजपा के अन्य कार्यकर्ताओं को भाजपा में रहकर काम करना मुश्किल हो गया है। 

अमर उजाला से विशेष बातचीत में रघुवंशी ने कहा कि साढ़े तीन साल पहले धन-बल पर सिंधिया जी के साथ भाजपा ने सरकार बनाई। सिंधिया जी के मंत्री हो, विधायक हो या अन्य समर्थक, जिस तरह से उन्होंने ग्वालियर-चंबल संभाग में भाजपा को व्यक्तिगत संस्था बनाकर काम करना शुरू किया है, उससे हमारे जैसे कार्यकर्ताओं को परेशानी हो रही है। मूल भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। मेरे खिलाफ भी प्रभारी मंत्री (महेंद्र सिंह सिसोदिया) ने एफआईआर दर्ज करवाने के प्रयास किए। मैं यह बात सार्वजनिक मंचों पर भी कह चुका हूं। सिंधिया समर्थकों ने भाजपा को कैप्चर कर लिया है। 

प्रभारी मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप

रघुवंशी ने कहा कि प्रभारी मंत्री जी ने छोटे से बड़े अधिकारी की पोस्टिंग पांच से दस लाख रुपये लेकर की। प्रभारी मंत्री तो मंच पर कहते हैं कि चढ़ौत्रा आता है, तो उसे स्वीकार करना होगा। इस पर भी किसी ने एक्शन नहीं लिया। जब से सिंधिया जी के समर्थक भाजपा में आए हैं, उनके साथ ताल नहीं मिल रही। हमारा 36 का आंकड़ा हो गया है। एक तरफ लुटेरों और बेइमानों का झुंड है और दूसरी ओर मेरे जैसे इमानदार नेता। हमारे लिए काम करना मुश्किल हो गया है। भ्रष्ट मंत्रियों से मेरा तालमेल नहीं हो सकता।

बीच में भी इस्तीफा देने वाला था

कोलारस विधायक ने कहा कि मेरा जीवन स्वच्छ रहा है। 2007 के बाद मैं यहां से विधायक बना। उसके पहले 1999 से ही जनसेवा कर रहा हूं। मरने तक जनसेवा ही करना चाहता हूं। साढ़े तीन साल में कई मौके ऐसे आए कि लगा बीच में ही इस्तीफा दे देना चाहिए। इलाके के लोगों का मेरे प्रति दायित्व था। जब मुझे लगा कि इलाके के लोगों के प्रति मेरा कर्तव्य पूरा हो गया है तो मैंने यह फैसला किया। जैसा ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया के समर्थक कर रहे हैं, वह मैं गुना लोकसभा में तो बिल्कुल ही नहीं होना चाहता। अगले पांच साल मुझे पीड़ा नहीं झेलनी है। 

सिंधिया की सहमति से हुआ सब कुछ

रघुवंशी ने आरोप लगाया कि सिंधिया के समर्थक मंत्री हो या विधायक, सब लोग जो भी करते हैं उसमें सिंधिया की सहमति होती है। मेरे साथ जो भी हुआ, उसमें भी उनकी सहमति रही होगी। मैंने साढ़े तीन साल में उन्हें भी कई बार शिकायत की। शीर्ष नेतृत्व को भी शिकायत की। जिला की कोर कमेटी, विधायक दल की बैठक और यहां तक कि वन-टू-वन बैठकों में भी मैंने अपनी बात को रखा, लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी। मेरे विकास कार्यों को रोका गया। मैं मुख्यमंत्री से अनुमति लेकर काम करवाता हूं तो यह रुकवा देते हैं। प्रभारी मंत्री हो या ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, इन लोगों ने मुझे काम नहीं करने दिया। अखबारों में इसकी खबरें छपी हैं। 

भविष्य का फैसला जल्द ही लूंगा 

यह पूछे जाने पर कि आगे क्या होगा, रघुवंशी ने कहा कि मैं अपने क्षेत्र की जनता से चर्चा कर रहा हूं। अगले दो-तीन दिन समर्थकों से चर्चा करूंगा। उसके बाद ही कोई फैसला लूंगा। बड़ी संख्या में लोग मिलने आ रहे हैं। अभी भी 50 लोग बाहर बैठे हैं। कांग्रेस में जाना है या नहीं, उस पर जल्द ही फैसला करूंगा। जिस तरफ जाऊंगा, उस पार्टी को पूरे प्रदेश में जिताने की कोशिश करूंगा। फिलहाल नहीं कह सकता कि कांग्रेस में जाऊंगा या नहीं।  



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