
इंदौर चिडि़याघर में तेंदुआ।
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देवास जिले के सोनकच्छ के गांव इकरोता में मिले बीमार तेंदुए को इलाज के लिए इंदौर लाया गया है। वह दिमागी तौर पर बीमार है और ठीक से चल भी नहीं पा रहा है। इंदौर के चिडि़याघर में उसका इलाज चल रहा है। उसके ब्लड के सेंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए है। फिलहाल उसकी हालत सुस्त है और ज्यादातर समय सोया रहता है।
चिडि़याघर के डाॅ. उत्तम यादव ने बताया कि संभवत: तेंदुए ने किसी उस जानवर का शिकार किया है जो किसी संक्रमण का शिकार थ। इस कारण संक्रमण तेंदुए के शरीर में भी फैल गया। दिमागी तौर पर तेंदुआ स्वस्थ्य नहीं है। वह अपनी आक्रमकता खो चुका है। यही वजह है कि जब गांव में लोग उसके आसपास खड़े थे या उसे छू रहे थे तो उनसे हमला नहीं किया। यादव ने बताया कि तेंदुए के इलाज के लिए जबलपुर से भी डाक्टरों की टीम आ चुकी है।
ग्रामीणों ने की थी सवारी, ली थी सेल्फी
इंदौर लाया गया तेंदुआ सोनकच्छ के गांव से रेसक्यू कर लाया गया है। वह बीमार है और ठीक से चल भी नहीं पा रहा है। उसने हिंसक व्यवहार नहीं दिखाया तो ग्रामीण बिना डरे उसके पास पहुंच गए। उन्होंने इसका फायदा उठाया।
जब ग्रामीणों को लगा कि बीमार तेंदुए से उन्हें कोई खतरा नहीं है तो फिर वे पालतू जानवर की तरह उसके साथ बर्ताव करने लगे। किसी ने तेंदुए की पीठ पर बैठकर सवारी की तो किसी ने उसके साथ सेल्फी ली। ग्रामीणों ने तेंदुए के पास बैठकर ग्रुप फोटो भी खिंचवाया था। इसकी जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम गांव पहुंची थी और तेंदुए को लेकर इंदौर आई।