Power cut during election season should not become expensive, demand for electricity will increase during Rabi

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– फोटो : amar ujala digital

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चार माह बाद विधानसभा चुनाव होने है अौर कई क्षेत्रों में बिजली कटौती के नाम पर घंटों लोग परेशान हो रहे है। शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली ज्यादा जा रही है। चुनावी मौसम में यह बिजली कटौती सत्ताधारी दल को भारी भी पड़ सकती है। ज्यादा बिजली बिल आने का मुद्दा तो पहले से ही राजनीतिक तौर पर गरमाया हुआ था। सरकार को बढ़े हुए बिजली बिल जीरो करना पड़े, लेकिन बिजली कटौती पर सरकार लगाम नहीं कस पा रही है।

इंदौर जिले के मानपुर, तिल्लौर, देपालपुर, पिवड़ाय सहित अन्य क्षेत्रों में बिजली कटौती की शिकायतें ग्रामीणों ने की। उनका कहना है कि मेटेंनस के नाम पर अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। इसके अलावा इंदौर के कई इलाकों में भी बार-बार बिजली गुल हो रही है। शहर की स्कीम-136, निरंजनपुर के अलावा पूर्वी क्षेत्र में तो लगातार बिजली गुल हो रही है। इससे भी लोग नाराज है।

दिसंबर माह में चुनाव होना है। नवंबर से ही बिजली की डिमांड बढ़ जाएगी। नवंबर और दिसंबर में रबी का सीजन होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की डिमांड पूरे प्रदेश में 18 हजार मेगावाट तक अफसर मान रहे है।

इस लेकर एमपी ट्रांसको कंपनी के अफसरों की एक बैठक भी हो चुकी है। जिसमे कहा गया है कि रबी के सीजन के मद्देनजर अभी से उपकरणों की मरम्मत कर ली जाए,ताकि बाद में कटौती न करना पड़े। बैठक में कर्मचारियों की कमी का मुद्दा भी उठा तो अफसरों ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों के साथ काम करने की है, इसलिए ऐसा वर्क कल्चर बनाने की आवश्यकता है, जिसमें यह कर्मी सर्वश्रेष्ठ काम कर सके।



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