देशभर में बुधवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में जहां एक और बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र के रूप में राखी बांध रही हैं तो वहीं मध्य प्रदेश की जेलों में भी बहनों ने पहुंचकर अपने बंदी भाइयों की सूनी कलाई पर राखी बांधी। राखी के इस पवित्र धागे को बंधवाने के लिए जेल में भी विशेष व्यवस्था की गई थी।

उज्जैन जेल- तीन हजार बहनें पहुंचीं

उज्जैन के केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में बुधवार सुबह से रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनों को जेल प्रशासन द्वारा की गई विशेष व्यवस्था के तहत प्रवेश दिया गया। जहां बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर और राखी बांधकर मुंह मीठा किया साथ ही इस त्यौहार की बधाई दी। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पर सुबह हजारों बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर भाइयो का मुंह मीठा करवाया। जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पर रक्षाबंधन त्यौहार को लेकर आकर्षक सजावट करने के साथ ही ऐसी व्यवस्था की गई थी, जिससे कि एक व्यक्ति को राखी बांधने के लिए परिवार के कम से कम तीन लोग एक साथ जा सकें। आपने बताया कि जेल में आज मनाया जाने वाले इस पर्व को लेकर पूर्व से ही विशेष सुरक्षा के प्रबंध किए गए थे। जिसके तहत सुबह 8 बजे से केवल महिलाओं को 15 मिनट के लिए अपने भाई से मिलकर यह पर्व मनाने दिया गया। दोपहर तक लगभग 3000 महिलाओं और युवतियों ने अपने भाइयों को जेल पहुंचकर राखी बांधी। 

 



बड़वानी जेल- दूर दराज से पहुंची बहनें

बड़वानी की केंद्रीय जेल में रक्षाबंधन के पर्व को मनाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई। पर्व को लेकर सुबह से ही अपने भाइयों से मिलने दूर दराज के क्षेत्र से बहनों का यहां आना शुरू हो गया था। बहनों को अनुमति देकर उनके लिए यहां विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई थी। दोपहर तक लगभग 550 बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध भी दी। इस दौरान इंदौर से यहां पहुंची मधु राठौड़ ने बताया के वो केंद्रीय जेल बड़वानी में सुबह से पहुंची हुई है। वे अपने भाई को घर पर बचपन से ही राखी बांधते आ रही थीं। विवाह के बाद हर साल रक्षा बंधन पर जेल में बंद उनके भाई उन्हें साथ घर ले जाने के लिए आते थे, लेकिन एक हादसे के बाद बीते 9 सालों से उनके भाई यहां केंद्रीय जेल में बंद हैं। इस कारण अब वो खुद रक्षाबंधन पर्व पर हर साल राखी बांधने जेल पर ही आती हैं और इसी के चलते आज भी वे अपने भाई को राखी बांधने केंद्रीय जेल आई हुई हैं।

 


कटनी जेल- नम आंखों के साथ बांधी भाई को राखी

कटनी जिला जेल में रक्षाबंधन त्यौहार का एक अलग ही नजारा देखने मिला। जहां लंबे वक्त से जिला जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने सैकड़ों बहनें आज पहुंचीं और भाइयों को कुमकुम का तिलक लगाकर राखी बांधते हुए मिठाई खिलाई। बता दें जेल प्रशासन ने इसके लिए पहले से तैयारी कर रखी थी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस लाइन से बल मंगवाया था तो वहीं महिलाओं के लिए पानी टैंकर से लेकर चलित शौचालय नगर निगम बुलवा गया था। जेल अधीक्षक प्रभात चतुर्वेदी ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए बहनों को जेल में बंद कैदी भाइयों से मिलने में कोई परेशानी न हो इसके लिए आज कोई भी पुरुष को अंदर आने नही दिया जा रहा है। वहीं सुरक्षा व्यवस्था के चलते राखी को छोड़कर कोई भी बाहरी सामग्री का इस्तेमाल नहीं करने दिया जा रहा है। जेल में बनी कैंटीन से सोनपापड़ी, फल आदि खरीदने की व्यवस्था रखी गई थी। सुबह से अभी तक 500 से अधिक बहनें आ चुकी हैं।

 


राजगढ़ जेल- कतार में पहुंची बहनें

राजगढ़ जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार में स्थित जिला जेल के बाहर बुधवार की अल सुबह से ही जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनों की कतार नज़र आईं जिसके लिए जिला जेल प्रशासन के द्वारा इंतज़ाम किए गए थे। कोरोना काल के पश्चात से जेलों राखी बांधने का सिलसिला बंद कर दिया गया था, लेकिन वर्ष 2023 में प्रदेश शासन के द्वारा आदेश जारी करते हुए जेल में बन्द भाइयों को उनकी बहनों के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम करते हुए राखियां बंधवाने के निर्देश जारी किए गए थे। जिसके पश्चात प्रदेश सहित राजगढ़ जिला जेल में जेल प्रबंधन के द्वारा राखी का त्योहार बढ़े ही हर्ष व उत्साह के साथ आयोजित किया गया, जिसमें भाइयों को राखियां बांधने के लिए बहनों की भीड़ उमड़ी और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधी।




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