
दिल्ली में बना नया मध्य प्रदेश भवन।
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दिल्ली में नवनिर्मित मध्य प्रदेश भवन के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। इस संबंध में प्रदेश के दिल्ली में पदस्थ आवासीय आयुक्त पंकज राज ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर जांच करने की मांग की है। इस पर सरकार ने जांच के लिए चार सदस्यीय दल गठित किया है। समिति जांच कर शासन को रिपोर्ट पेश करेगी।
मध्य प्रदेश के चाणक्यपुरी स्थित नवनिर्मित भवन को लेकर आवासीय आयुक्त पंकज राग ने मध्य प्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को 30 जून को पत्र लिखा। इसमें 14 जून को अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के साथ बैठक का जिक्र किया। इसमें राग ने नवनिर्मित भवन की गुणवत्ता और उसमें उपयोग किए गए मटेरियल और पूरे काम की मॉनीटरिंग करने वाली एजेंसी एनबीसीसी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। इसमें एनबीसीसी ने सुपरविजन और पीएमसी संबंधी सेवाओं के लिए सात प्रतिशत सर्विस चार्ज लिया।
राग ने बताया कि एनबीसीसी के द्वारा सभी कार्यों का सुपरविजन करने के बाद सभी निर्माण कार्य निर्धारित स्पेशिफिकेशन के अनुसार पाए जाने तथा सभी फिटिंग एवं उपकरण ब्रांड और गुणवत्ता के अनुसार होने का सत्यापन किया गया। जबकि मध्य प्रदेश भवन के अधिकारियों ने निरीक्षण में अधिकाशं कमरों में निर्धारित स्पेशिफिकेशन के अनुसार कार्य नहीं होना पाया गया। उपकरण भी ब्रांड एवं गुणवत्ता के अनुसार नहीं होने, लूज इलेक्ट्रिक वायरिंग, बिना इंस्टॉलेशन के एसी डक्ट, बिना इंस्टॉलेशन के गर्म पानी की पाइप, बेसमेंट में बाथरूम के पानी से सीपेज पाया गया। यहीं नहीं लोहे की पाइप के बीच में पीवीसी और प्लास्टिक पाइप जोड़ा जाना पाया गया। राग ने भवन के कार्यों के गुणवत्ता में कमी के साथ ही एनबीसीसी के अधिकारियों पर जानबूझकर कमियों को छुपाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फरवरी 2023 में 108 कमरों के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया गथा। भवन करीब 150 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुआ है। अब इसको निर्माण करने वाली एजेंसी से हैंडओवर लेने से पहले कार्य की गुणवत्ता को लेकर जांच की जा रही है। बता दें