खेल दिवस पर सिर्फ खेल, खिलाड़ियों की बात की, नहीं की कोई राजनीतिक टिप्पणी
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंगलवार को झांसी में 18वां दौरा था। करीब 15 मिनट के भाषण में मुख्यमंत्री ने पहली बार विपक्ष पर सियासी तीर नहीं चलाए। क्योंकि, मौका था खेल दिवस का। ऐसे में सीएम खेल और खिलाड़ियों के साथ-साथ बुंदेलखंड के विकास की बात करते रहे।
बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार 20 अप्रैल 2017 को झांसी आए थे। इसके बाद से अब तक सीएम के जितने भी दौरे झांसी में हुए लगभग हर बार योगी विपक्षी पार्टियों पर हमलावर रहे। कभी बुंदेलखंड में माफिया, अपराधियों की बात की तो कभी अवैध खनन की, हर बार सीएम विपक्षी दलों पर अपने सियासी तीर चलाते रहे। दो मई 2023 को निकाय चुनाव के दौरान ही क्राफ्ट मेला मैदान में हुई जनसभा में सीएम ने कहा था कि सपा, बसपा ने युवाओं के हाथों में तमंचा दिया और भाजपा ने टैबलेट। उन्होंने कहा था कि पिछली सरकारों के गुर्गे बुंदेलखंड के प्राकृतिक संसाधनों पर डकैती डालने से गुरेज नहीं करते थे। जबकि, भाजपा की नीति स्पष्ट है कि गरीब, शरीफ को छेड़ेंगे नहीं और गुंडे, माफिया को छोड़ेंगे नहीं। मगर मंगलवार को ध्यानचंद स्टेडियम में हुए कार्यक्रम को सीएम ने करीब 15 मिनट तक संबोधित किया। मगर एक बार भी उन्होंने किसी भी विपक्षी पार्टी या नेता का न नाम लिया और न कोई टिप्पणी की। वह सिर्फ खेल और खिलाड़ियों की बात करते रहे। इसके अलावा बुंदेलखंड के विकास की भी सीएम ने तस्वीर पेश की।
बुंदेलखंड के जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव को कभी नजरअंदाज नहीं किया
झांसी। मुख्यमंत्री ने अपनी सात साल की सरकार में बदले बुंदेलखंड की तस्वीर पेश करते हुए उपलब्धियों को खूब गिनाया। योगी ने कहा कि पीएम की मंशा थी कि बुंदेलखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छुए। ऐसे में बुंदेलखंड के जनप्रतिनिधि जब भी प्रस्ताव देते हैं, यहां के युवा, महिलाओं, किसानों को ध्यान में रखते हुए उन प्रस्तावों को कभी नजरअंदाज नहीं करते। जितना पैसा चाहिए, उतना बुंदेलखंड के विकास के लिए देते हैं। मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में हो रहे विकास कार्यों का श्रेय जनप्रतिनिधियों को भी दिया। कहा कि बुंदेलखंड के सांसद, विधायक की मेहनत से आज यहां तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं।