MP News World largest rakhi being made in Bhind claims to be 1000 feet in length

भिंड में बन रही राखी
– फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश में भिंड जिले के मेहगांव में रहने वाले भाजपा नेता और समाजसेवी अशोक भारद्वाज के फार्म हाउस पर राखी बनाने का काम चल रहा है। भारद्वाज का कहना है कि इस क्षेत्र की पहचान सिर्फ़ दस्यु पीड़ित नहीं है। यह चंबल वीरों की भूमि है और इसे सबसे ज़्यादा शहीदों के नाम से भी जाना जाता है।

बिज़नेसमैन से समाजसेवी और फिर राजनेता बने अशोक भारद्वाज ने राखी के विश्व रिकॉर्ड के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि एक दिन कार्यकर्ताओं के साथ बैठे हुए मन में राखी का ख़्याल आया कि अपने क्षेत्र की लाड़ली बहनों से राखी बंधवाते हैं। कार्यकर्ताओं का सुझाव आया कि क्यों न बड़ी रखी बनवाएं। चर्चा करते करते गूगल पर सर्च करने लगे, इसे देखते देखते मन में ख़्याल आया कि क्यों न सबसे बड़ी राखी का विश्व रिकॉर्ड ब्रेक किया जाए, बस वहीं से इसकी उत्पत्ति हुई।

दुनिया की सबसे बड़ी राखी को बनाने के लिए एक एजेंसी हायर की गई है, जिसमें बाहर से आये कारीगर तैयार करने का काम कर रहे हैं। भारद्वाज निवास पर 10 से ज़्यादा कारीगर लगातार राखी बनाने में जुटे हैं, जिसमें उनके कार्यकर्ता भी साथ में जुटे हुए हैं। ये राखी फोम, काठबोर्ड, लकड़ी और कपड़े जैसे मैटेरियल से बनकर तैयार हो रही है। इस राखी का मध्य व्रत व्यास 25 फीट का रहने वाला है। इसके बाद इसके दोनों ओर 15 फीट के गोले जुड़ेगे। इसके बाद 10, पांच और दो फीट तक के गोलाकार सुंदर रचना को जोड़ा जाएगा। ये अपने आप में एक विशाल, सुंदर और अनोखी राखी बनकर तैयार हो रही है और इसकी लंबाई भी विश्व रिकॉर्ड की ओर ले जायी जा रही है। हालांकि यह कितनी होगी अभी नहीं कहा जा सकता।

इस विशाल राखी को रिकॉर्ड्स में शामिल करने के लिए बहुत मेहनत या प्रयास नहीं करने पड़े। अशोक भारद्वाज के मुताबिक, जब उन्होंने फैसला ले लिया कि दुनिया की सबसे बड़ी राखी बनाने वाले हैं तो इसके बाद लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड और ओएमजी बुक ऑफ़ रिकॉर्ड के ऑफिशियल वेबसाइट के ज़रिये जानकारी लेकर उनसे संपर्क किया और उन्हें अपने इस प्रयास के बारे में बताया। उसके बाद गिनीज़, वर्ल्ड, एशिया, इंडिया और OMG बुक ऑफ़ रिकॉर्ड यानी पांचों से स्वीकृति मिल चुकी है। 31 अगस्त को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारी यहां आयेंगे, जिसके लिए तैयारियां जोरो शोरो से चल रही हैं।

अशोक भारद्वाज के मुताबिक, यह राखी तैयार होने के बाद 31 अगस्त को गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ सभी संस्थाओं की टीमें यहां पहुंचेंगी। इसके बाद इस राखी का मेजरमेंट और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसी दिन इसे विश्व की सबसे बड़ी राखी घोषित किया जाएगा और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसके बाद इस राखी को एक विशाल प्रदर्शनी के रूप में जन्माष्टमी तक रखा जाएगा। इस अनोखे वर्ल्ड रिकॉर्ड की उपलब्धि को लेकर अशोक भारद्वाज काफ़ी खुश हैं। उनका कहना है कि अछा लगता है, जब सोचते हैं कि हमारे चम्बल का नाम रोशन हो रहा है। गिनीज या दूसरे बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में मेहगांव का नाम जुड़ेगा, जब भी कोई इस रिकॉर्ड को ब्रेक करने का प्रयास करेगा तो नाम मेहगांव का भी आएगा और जब अपनी जन्म भूमि का नाम कही छपता है तो ख़ुशी होती है।



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