अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। सालों से सुस्त पड़ीं सहकारी समितियों में नए सिरे से जान फूंकने की कवायद शुरू हुई है। इसके तहत सभी को पैक्स समिति में तब्दील करके उनका विस्तार किया जा रहा है। हर पैक्स को न्यूनतम 200 नए सदस्य जोड़ने होंगे। इससे इनकी ऋण सीमा बढ़कर करीब बीस गुना हो जाएगी। इनमें शामिल होने वाले किसानों को उनकी हिस्सेदारी के एवज में शेयर बांड दिया जाएगा। सदस्यता अभियान एक सितंबर से आरंभ होगा।

किसानों को सस्ती दर पर खाद, बीज व कृषि यंत्र मुहैया कराने समेत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने की खातिर मंडल में कुल 165 पैक्स समितियां हैं। कई समितियां काफी समय से सक्रिय नहीं हैं। सरकार इनको सक्रिय करने के लिए सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है। इसके तहत प्रत्येक समिति को 200 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है। किसान 21 रुपये का शुल्क कटवाकर सदस्य नामित हो सकता है। सदस्यों को 200 रुपये के शेयर बांड खरीदना होगा। इससे किसानों की ऋण सीमा करीब 10 गुना से 20 गुना तक बढ़ जाएगी। इससे वार्षिक ब्याज दर भी कम होगी। सहकारिता अफसरों के मुताबिक जिस समिति में जितना धन होगा, उसकी ऋण सीमा उतनी बेहतर होगी। डीआर उदयभानु के मुताबिक 1 से 30 सितंबर के बीच यह महाभियान चलाया जाएगा। सदस्य बनाने के तीन तरीके तय किए गए हैं।

तैंतीस हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य

पैक्स समितियों के लिए 33 हजार नए सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। मंडल की 165 समितियों में झांसी की 58, जालौन की 66 एवं ललितपुर की 41 पैक्स समितियां शामिल हैं। प्रत्येक समिति में 200 सदस्य बनाने व एक लाख रुपये किसान शेयर जमा करने का लक्ष्य है।



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