इंदौर में बहू और बेटे की मौत पर सास को एक करोड़ 31 लाख रुपए का मुआवजा मिला है। मामला स्कीम 94 मामला निवासी 29 वर्षीय आयुष और 28 वर्षीय पत्नी श्वेता दीक्षित की मौत से जुड़ा है। आयुष व्यापार के साथ सेल्स एक्जीक्यूटिव भी था तो श्वेता पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर थी। आयुष और श्वेता दीक्षित की शादी तीन साल पहले हुई थी। उनकी संतान नहीं थी। 

दोनों 16 नवम्बर 2016 की रात 1.30 बजे होटल से खाना खाकर लौट रहे थे। उस वक्त उनकी तेज रफ्तार कार बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे के पास खड़े कंटेनर में घुस गई थी। इसमें दोनों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद श्वेता की सास मालती देवी, ससुर गौरीशंकर दीक्षित (53) और देवर दिव्यांश ने कोर्ट में क्लेम केस लगाया। 25 अगस्त को जिला कोर्ट ने ब्याज सहित 1.31 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। चूंकि केस की सुनवाई के दौरान ही ससुर की कोरोना से मौत हो गई थी इसलिए पूरी राशि सास के खाते में जमा करने के आदेश दिए गए हैं।

 



किससे कितनी मुआवजा राशि मिली

बहू श्वेता के मामले में 59.48 लाख रुपए मुआवजा और छह साल का ब्याज 22.64 लाख रुपए समेत कुल 82.12 लाख रुपए मिले। इसमें 19.48 लाख रुपए एफडी के रूप में जमा रहेंगे। वहीं बेटे आयुष के मामले में 36.11 लाख रुपए मुआवजा और छह साल का ब्याज 13.74 लाख रुपए समेत कुल 49.86 लाख रुपए मिले। इसमें 20 लाख रुपए एफडी के रूप में जमा रहेंगे।

इसलिए सास को मिली बहू की मुआवजा राशि

कोर्ट ने कहा कि भले ही सास अपनी बहू श्वेता पर आश्रित नहीं थी लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हादसे के कारण बहू के सुख से वंचित हुई है। सास का उससे प्यार, स्नेह, मार्गदर्शन, भरण-पोषण सभी कुछ छूट गया। इसके चलते बहू की मौत मुआवजा भी उनकी सास दिया जाए। कोर्ट ने माना कि चूंकि ससुर की मौत हो चुकी है इसलिए कोर्ट ने राशि सास मालती देवी के खाते में डालने का आदेश दिया। 




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