मध्यप्रदेश जिसे भारत का दिल कहा जाता है न केवल अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, स्वादिष्ट व्यंजनों और मनमोहक परिदृश्यों के लिए जाना जाता है बल्कि यह खेल गतिविधियों के विकास और बेहतरीन अधो-संरचना के एक बड़े केन्द्र के रूप में भी उभर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार के प्रयासों के साथ-साथ खिलाड़ियों के जूनून और समर्पण ने मध्यप्रदेश में खेलों के विकास को गति दी है। अब मध्यप्रदेश हरियाणा और महाराष्ट्र का मजबूत प्रतिस्पर्धी बन गया है। कुछ क्षेत्रों में मध्यप्रदेश का पूरे देश में कोई मुकाबला नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के प्रयासों से खेल के क्षेत्र में प्रदेश को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। मध्यप्रदेश का खेल परिदृश्य पिछले 13 वर्षों से पूरी तरह बदल गया है।
खेल अकादमियां और प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की गई प्रमुख पहलों में से एक राज्य भर में कई खेल अकादमियां और प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना है। 2006 से 2015 तक विभिन्न खेलों की 11 अकादमी स्थापित की गई। इन अकादमियों में आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं के साथ अनुभवी प्रशिक्षकों से खिलाड़ी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। आज अकादमी के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल हुए है। मध्यप्रदेश सरकार की एक और उपलब्धि यह है कि अब प्रदेश में दो और आउट ऑफ द बॉक्स “ब्रेक डांस” और “ई-स्पोर्ट्स” अकादमी शुरू की जा रही है। दोनों विधा को ओलम्पिक और एशियन गेम्स में पदक जीतने वाले खेल के रूप में शामिल किया गया है।
खेल बजट में ऐतिहासिक वृद्धि
इस वर्ष खेल विभाग के बजट में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। इस वर्ष 738.13 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश में सबसे अधिक एस्ट्रो टर्फ हॉकी मैदान है। प्रदेश में 12 हॉकी सिंथेटिक टर्फ है और सात मैदानों का कार्य प्रगति पर है। इसी तरह पांच एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रेक का निर्माण किया गया है और आठ ट्रेक आकार ले रहे हैं। प्रदेश की शूटिंग, घुड़सवारी और वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी में सभी उन्नत तकनीक और आधुनिक सुविधाओं के साथ विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा अपनी तरह का एकमात्र है। भोपाल के नाथूबरखेड़ा में जल्द ही 100 एकड़ भूमि में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खेल परिसर तैयार हो रहा है। इसमें एथलेटिक ट्रेक एण्ड फील्ड, एथलेटिक स्टेडियम, आउटडोर स्पोर्ट्स एरिया, प्रेक्टिस हॉकी ग्राउण्ड, हॉकी स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम, फुटबॉल के लिये उत्कृष्टता केन्द्र तथा फुटबॉल ग्राउण्ड, जिसमें दो प्राकृतिक और एक कृत्रिम मैदान शामिल हैं।
सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शूटिंग अकादमी बिशनखेड़ी भोपाल में स्थित है। मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी ऑफ एक्सीलेंस में 10, 25 और 50 मीटर की शूटिंग रेंज के साथ बेहतरीन फाइनल रेंज भी तैयार की गई है, जो अंतर्राष्ट्रीय मापदण्डों के अनुसार निर्मित है। अकादमी में पांच ट्रेप एण्ड स्कीट शूटिंग रेंज है। अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन (आईएसएसएफ) के अध्यक्ष लूसियानो रॉसी ने विश्व कप चैम्पियनशिप में भोपाल की शूटिंग अकादमी की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि वे विश्वस्तरीय शूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को देखकर आश्चर्यचकित थे। उन्होंने कहा कि आईएसएसएफ केवल योग्यता के आधार पर मेजबान का चयन करता है और मुझे यह देखकर खुशी हुई की मध्यप्रदेश ने सभी आवश्यकताओं को पूरा किया।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रहीं ‘मुख्यमंत्री कप’ जैसी योजनाएं
अत्याधुनिक खेल सुविधाओं के अतिरिक्त मध्यप्रदेश सरकार ने जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और जन प्रतिनिधियों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में खेल शुरू करने के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री कप’, ‘विधायक कप’ जैसी कई खेल योजनाएं भी शुरू की है। इन नवाचारों का मुख्य उदे्दश्य राज्य के दूर दराज के हिस्सों से युवा प्रतिभाओं की पहचान कर उनकी खेल प्रतिभा को निखारना है। यह उभरते एथलिटों के लिये एक खेल वातावरण निर्मित करता है। मुख्यमंत्री चौहान की पहल “माँ तुझे प्रणाम” योजना युवाओं में देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय सीमाओं के प्रति सम्मान भी स्थापित कर रहा है। योजना में युवा छात्र-छात्राओं को भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर सेना की गतिविधियों और दिनचर्या से परिचित कराया जाता है।
चैंपियन बन मध्यप्रदेश ने बनाई अलग पहचान
मध्यप्रदेश के विभिन्न एथलिटों की सफलता की कहानियां भी राज्य में खेलों की बढ़ती प्रसिद्धि का एक कारण है। रितिका दांगी, राजू सिंह, बुशरा खान की प्रेरक यात्राएं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बनाई है, मध्यप्रदेश की अपार खेल क्षमता को दर्शाती हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी की है। पहली बार प्रदेश के आठ शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, मंडला, बालाघाट और महेश्वर मे खेलो इंडिया यूथ गेम्स का भव्य आयोजन किया गया। साइकलिंग के ट्रेक इवेंट नई दिल्ली में आयोजित किए गए लगभग 11 हजार खिलाड़ियों और ऑफिशियल्स ने इस मेगा इवेंट में भाग लिया। मध्यप्रदेश की टीम ने उत्कृष्ठ प्रदर्शन से इतिहास रच दिया था। मध्यप्रदेश ने 39 स्वर्ण, 30 रचत और 27 कांस्य पदक के साथ कुल 96 पदक लेकर तीसरा स्थान प्राप्त किया। एथलेटिक्स और मलखम्ब में मध्यप्रदेश ओवरऑल चैम्पियन बनकर अपनी पहचान बनाई।
खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन कर बढ़ाया एमपी का मान
आईएसएसएफ विश्व कप शूटिंग चैम्पियनशिप, 65वीं राष्ट्रीय पिस्टल शूटिंग चैम्पियनशीप, जूनियर नेशनल घुड़सवारी चैम्पियनशीप, सीनियर महिला हॉकी चैम्पियनशीप, राष्ट्रीय शूटिंग राइफल चैम्पियनशिप, एलिट महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप आदि शामिल है। गुजरात में हुए नेशनल गेम्स में मध्यप्रदेश ने 7वां स्थान प्राप्त किया था, इसमें 20 स्वर्ण, 25 रजत औश्र 21 कांस्य पदक शामिल है। यहां पर भी मध्यप्रदेश ने मलखम्ब और स्लालम में ओवर ऑल चैम्पियनशिप की ट्रॉफी अपने नाम की।
एशियन गेम्स 2022 कोरोना महामारी के कारण रद्द कर दिया था, अब यह सितम्बर 2023 में चीन में आयोजित किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश से अब तक लगभग 30 खिलाड़ियों ने क्वालिफाई कर लिया है जिसमें ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (शूटिंग), राजू सिंह (घुड़सवारी), आशी चौकसे (शूटिंग) और विवेक सागर हॉकी शामिल है।
पिछले 3 वर्षों में मध्यप्रदेश को सबसे अधिक पहचान मिली है। टोक्यो ओलम्पिक में राज्य के 10 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। राज्य हॉकी अकादमी के खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद ने भारत के लिये गोल कर कांस्य पदक हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अकादमी के ही नीला कांता शर्मा भी भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे। मध्यप्रदेश अकादमी के खिलाड़ियों ने विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने में भी महारत हासिल की है। शूटर ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने 2021 में पेरू में आयोजित विश्व जूनियर शूटिंग चैम्पियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया था। तीरंदाजी अकादमी की मुस्कार किरार ने 40वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विश्व रिकार्ड की बराबरी की थी। 2021-22 में गुवाहाटी (असम) में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में मध्यप्रदेश अकादमी के सुनील डावर ने 24 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा है।
खिलाड़ियों को विदेश में प्रशिक्षण लेने का विशेषाधिकार
मध्यप्रदेश खेल एवं युवा कल्याणा विभाग के पास सबसे अच्छा और अपनी तरह का अनोखा स्पोर्ट्स साइंस सेंटर टीटी नगर स्टेडियम भोपाल में स्थापित है। यहां पर स्पोर्ट्स साइंस डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट, साइकॉलॉजिस्ट, न्यूट्रिशियनिस्ट और सपोर्ट स्टाफ मौजूद है। मध्यप्रदेश के विभिन्न अकादमियों के खिलाड़ियों को विदेश में प्रशिक्षण लेने का विशेषाधिकार है। खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का मानना है कि जब अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की बात आती है तो जलवायु परिस्थितियां भिन्न होती है। इसलिए उन परिस्थितियों से मेल खाने और खिलाड़ियों के एन्ड्यूरेन्स लेवल और हाई परफोरर्मेंस में सुधार करने के लिये अकादमी के एलिट खिलाड़ियों को विदेश प्रशिक्षण के लिये भेजा जाता है। विभिन्न अकादमियों में हमारे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिये विदेश हाई परफोर्मेन्स कोच भी नियुक्त किए जाते हैं।
मध्यप्रदेश को स्पोर्ट्स हब बनाने के लिए कई नई योजनाएं बनाई हैं। नाथूबरखेड़ा में अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर बन रहा है। पहले चरण में (भाग-1) में ऐथलेटिक और हॉकी स्टेडियम का निर्माम 176 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, (भाग-2) की लागत 174 करोड़ रुपये और दूसर चरण में 593 करोड़ रुपये की लागत से मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम और अन्य खेल सुविधाएं निर्मित की जा रही हैं। महिला फुटबॉल और जूनियर टीम को प्रोत्साहित करने के लिए फुटबॉल एसोशियेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त प्रयास से पैटर्न स्टेट प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री खेल योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में खेल के बुनियादी ढांचे के लिये कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा गया है।
मध्यप्रदेश में खेलों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। फिर भी अभी लम्बा रास्ता तय करना बाकी है। राज्य के भीतर मौजूद खेल प्रतिभा के विशाल पूल का पूरी तरह से उपयोग करने के लिये अधिक व्यापक खेल नीतियों, ज्यादा से ज्यादा स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में खेल में निश्चित रूप से आगे बढ़ रहा है। राज्य संभावित रूप से भारत में खेलों के लिये एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में बदल सकता है यह प्रगति न केवल राज्य को गौरवान्वित करेगी। बल्कि वैश्विक खेलों में भारत की समग्र सफलता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।