
उज्जैन नगर निगम (फाइल फोटो)
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मध्यप्रदेश के उज्जैन में नगर निगम की टीम से परेशान होकर एक ठेला व्यापारी ने अपनी जान दे दी। छत्रीचौक के सौंदर्यीकरण को लेकर पिछले कुछ महीनों पहले निगम के लोगों ने ठेला व्यापारियों को हटाया था। जिम्मेदारों ने यातायात को सुगम बनाने की बात कही थी। नगर निगम ने ठेला व्यापारियों को उसके बदले कोई सुनिश्चित स्थान नहीं दिया था। जिससे व्यापारी व्यवसाय कर सके।
शनिवार दोपहर को ठेला लगाने की बात पर व्यापारियों और नगर निगम की टीम के बीच फिर विवाद हुआ था। जिससे परेशान हो एक ठेला व्यापारी ने जहर खा लिया। कुछ लोग उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल भी ले गए। लेकिन यहां हालत बिगड़ने पर उसे इंदौर अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उसकी बीच रास्ते में ही मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के वृंदावनपूरा में रहने वाला रामेश्वर बामबिवाल (40) वर्ष पिछले तीन दिनों से छत्रीचौक क्षेत्र में राखी के त्योहार पर ठेला लगाना चाहता था। लेकिन उसे लगातार निगम गैंग परेशान कर रही थी। यही कारण रहा कि आज सुबह जब उसे नगर निगम की गैंग ने ठेला लगाने से मना किया। जिससे वह इतना नाराज हुआ कि उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसका पुत्र यश और अन्य लोग गंभीर अवस्था में रामेश्वर को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उच्च उपचार किया। चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर होने पर उसे इंदौर एम वाय हॉस्पिटल रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही रामेश्वर की मौत हो गई।
मृतक व्यापारी के बेटे का आरोप- राशिद पहलवान करते थे परेशान
जिला चिकित्सालय मे मृतक रामेश्वर के पुत्र यश ने यह आरोप लगाया कि उसके पिता रामेश्वर को निगम की गैंग के राशिद पहलवान ठेला लगाने पर परेशान करते थे। आज भी इन लोगो के बीच विवाद हुआ था इसके बाद पिता ने यह कदम उठा लिया जिससे उनकी जान चली गई।
छत्री चौक पर परिजन और व्यापारी शव रखकर जताएंगे विरोध
बताया जाता है कि नगर निगम की सख्ती के कारण ही रामेश्वर की जान गई है। ठेला व्यापारी सिर्फ इतना ही चाहते थे, कि राखी के त्योहार पर उन्हें व्यवसाय करने दिया जाए। नगर निगम के जिम्मेदार इन लोगों को इतनी भी रियायत देने को तैयार नहीं थे। जिससे ठेला व्यापारी काफी आक्रोशित थे। व्यापारी रामेश्वर के परिजन उसका शव छत्री चौक पर रखकर प्रदर्शन करेंगे।