Student preparing for competitive exam commits suicide in Jhansi

मृतक
– फोटो : फाइल फोटो

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झांसी के शिवाजी नगर में रविवार सुबह एक छात्र की लाश उसके कमरे में फंदे पर लटकी मिली। कानों में ब्लूटूथ डिवाइस लगी थी। वह मोबाइल से कनेक्ट था। पिछले करीब 24 घंटे से वह कमरे से बाहर नहीं आया। शक होने पर सुबह धक्का देकर दरवाजा खोला गया तो वह फांसी के फंदे पर लटका था। मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने मोबाइल कब्जे में लेकर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। पिता ने कहा कि मौत का राज मोबाइल में ही दफन है। 

जानकारी के अनुसार, जालौन के कौंच स्थित गोवर्धनपुरा निवासी रितिक (22) तीन साल से शिवाजी नगर के राजपूत कॉलोनी में किराए के मकान में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता था। वह आईटीआई कर चुका था। शनिवार सुबह करीब 10 बजे लोगों ने उसे आखिरी बार देखा था। इसके बाद वह कमरे से बाहर नहीं आया। रितिक वैसे सुबह पांच बजे जाग जाता था, लेकिन रविवार सुबह वह कमरे से बाहर नहीं आया।

बताया जा रहा है कि रविवार देर सुबह तक उसके कमरे में कोई हलचल नहीं हुई तो मकान मालिक पहुंच गए। आवाज लगाने पर कोई जबाब नहीं मिला। पंखा भी बंद था, तब रितिक के नाना और रिश्तेदार को सूचना दी गई। उनके पहुंचने पर धक्का देकर गेट खोला गया तो पंखे पर रितिक की लाश लटकी थी। रितिक ने सुसाइड क्यों किया, ये किसी को जानकारी नहीं है। 

रितिक अपने माता-पिता की इकलौता है। सुसाइड के बाद पिता महेंद्र और अन्य परिजन रोते-बिलखते हुए झांसी पहुंच गए। पिता का कहना है कि 24 अगस्त को रितिक उरई आया था। उसके बुलाने पर मैं भी उरई पहुंच गया और उसका ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। इसके बाद वह मेरे साथ घर गया। फिर वहां से झांसी आ गया था। पढ़ने में रितिक बहुत होशियार था। उसकी न तो किसी से दुश्मनी थी और न ही उसे पढ़ाई में कोई दिक्कत थी।

उसने सुसाइड क्यों किया, ये किसी को पता नहीं है। रितिक कानों में ब्लूटूथ लगाए था तो आखिरी वक्त किसी से बात कर रहा होगा। हालांकि पुलिस ने मोबाइल का लॉक खोलने की कोशिश की, लेकिन लॉक नहीं खुल सका। नवाबाद इंस्पेक्टर सुधाकर मिश्र कहना है कि मोबाइल में पैटर्न लॉक है। मोबाइल का लॉक खुलवाकर जांच की जाएगी।



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