अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। ट्रेनों के कोच हों या रेलवे स्टेशन, सभी जगह यात्रियों को गंदगी से दो-चार होना पड़ता है। बावजूद, रेल प्रशासन साफ-सफाई पर होने वाले खर्च को घटाने जा रहा है, जिससे सफाई कर्मचारियों की संख्या में भी कटौती की जाएगी। ऐसे में साफ-सफाई की व्यवस्था का पटरी से उतरना तय माना जा रहा है।

वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई स्टेशन और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की सफाई रेलवे निजी एजेंसी से कराता है। एजेंसी को रेल प्रशासन द्वारा तय की गई संख्या के अनुसार सफाई कर्मचारी तैनात करने होते हैं। वर्तमान में 77 सफाई कर्मचारी तैनात हैं। इस पर प्रति वर्ष ढाई करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाते हैं। लेकिन, इस बार रेलवे नियमों में बदलाव कर साफ-सफाई का अनुबंध करने जा रहा है। नई शर्तों के मुताबिक एजेंसी को सफाई कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने का भी अधिकार होगा।

रेलवे ने राजस्व बचाने के लिए सफाई के खर्च में कटौती की है। लेकिन, इसका सफाई व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रेल प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था की कड़ी निगरानी की जाएगी।

– मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी



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