
कान्ह नदी में केमिकल के कारण झाग वाला पानी
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इंदौर को कान्ह नदी रिवर फ्रंट के लिए भी स्मार्ट सिटी का पुरस्कार मिला है। अगले माह सितंबर में तो इंदौर में ही स्मार्ट सिटी काॅन्फ्रेंस होना है। जिसमें देशभर से दो हजार से ज्यादा वीआईपी आएंगे। यदि वे कान्ह नदी को देखने जाएंगे तो फिर उन्हें नाले के रुप में ही नदी दिखेगी।
साल भर में सैकड़ों करोड़ रुपये लगाकर की गई कवायद इंदौर में फ्लाॅप रही। दरअसल नाला टैपिंग प्रोजेक्ट इंदौर में फ्लाप साबित हो गया। न तो नालों में गंदा पानी बहने से रूक रहा है और न ही सीवरेज सीधे कबीटखेड़ी ट्रीटमेंट प्लांट तक जा रहा है। शनिवार को जब कृष्णपुरा छत्री से रामबाग ब्रिज तक रिवर फ्रंट की मैदानी पड़ताल की तो कान्ह नदी में काला बदबूदार और झाग वाला पानी बह रहा था। नालों के आसपास गाद भी जमी थी।
नहीं बंद हुए आउटफाॅल
चार साल तक दो सौ करोड़ रुपये खर्च कर नगर निगम ने नाला टैपिंग की। इसमें कान्ह नदी में मिलने वाले 400 से ज्यादा सीवरेज के आउटफाॅल बंद करने का दावा किया गया था, लेकिन सालभर में बारिश के दौरान क्षेत्रीय पार्षदों ने जलजमाव का हवाला देकर कई जगह लाइनें फोड़ दी। इसके बाद फिर नालों में गंदा पानी बह रहा है। कुछ जगह तो सीधे नदी में ही गंदा पानी बहाया जा रहा है।
सिर्फ 400 एमएलटी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट
शहर में 600 एमएलडी से ज्यादा सीवरेज निकल रहा है, लेकिन इंदौर में 400 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट है। कबीटखेड़ी पर 220 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट है,जबकि छोटे छोटे आठ ट्रीटमेंट प्लांट भी ज्यादा पानी साफ नहीं कर पाते है। यही सबसे बड़ी वजह है नदी साफ नहीं होने की। इस बारे में जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक शर्मा बबलू का कहना है कि हम नए ट्रीटमेंट प्लांट बना रहे है। शहर में सीवरेज प्लांटों की क्षमता बढ़े, इसलिए पांच नए ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट की राशि से हम यह काम करेंगे। नए आउटफाॅल को बंद किया जाएगा।
कामों का ऑडिट होना चाहिए
कान्ह नदी शुदि्धकरण प्रोजेक्ट अफसरों की कमाई का जरिया बन चुका है। दस सालों में 300 करोड़ से ज्यादा की राशि इस प्रोेजक्ट में लगाई जा चुकी है, फिर भी नदी में साफ पानी क्यों नहीं बहता। इस प्रोजेक्ट में अफसरों द्वारा किए गए कामों का ऑडिट होना चाहिए। इतनी राशि खर्च करने के बाद ठोस परिणाम नहीं आने पर अफसरों को दंडित करना चाहिए। –शिवाजी मोहिते, पूर्व अध्यक्ष, अभ्यास मंडल