उरई। राजकीय मेडिकल कॉलेज में बैच 2018 के इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टर और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन के लिए शुक्रवार की सुबह से ही कामकाज ठप कर दिया। ओपीडी के बाहर गेट पर धरना-प्रदर्शन नारेबाजी करने लगे। मेडिकल कॉलेज प्रशासन के समझाने पर करीब दो घंटे बाद मान गए और हड़ताल खत्म कर दी।

आंदोलन कर रहे डॉक्टर रंजीत कुमार एवं मेघा शर्मा का आरोप है कि उन्हें अप्रैल से वेतन नहीं दिया जा रहा है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन में कटौती करने का आरोप लगाया है। चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हड़ताल जारी रखेंगे। इस दौरान मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। हड़ताल के कारण पर्चा काउंटर, ओपीडी, पैथालॉजी समेत अन्य सेवाएं बाधित हो गईं।

हड़ताल की सूचना पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रशांत निरंजन मौके पर पहुंचे और उन्होंने आंदोलनकारियों को समझा बुझाकर शांत किया। प्राचार्य डॉ. आरके मौर्य ने बताया कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन संबंधित कंपनी से नहीं आया है। इंटर्नशिप करने वाले चिकित्सकों की भी समस्या दूर की जाएगी। इसके चलते दो घंटे से अधिक सेवाएं बाधित रही। इस दौरान सैकड़ों मरीज परेशान रहे।

अस्पताल में हर दिन तकरीबन 2000 मरीज इलाज के लिए आते हैं। बड़ी संख्या में मरीज दूर-दराज के इलाके से आते हैं। हड़ताल के कारण बड़ी संख्या में मरीज परेशान रहे। कई मरीज तो बिना इलाज कराए ही लौट गए।

बाहर से खरीदनी पड़ी दवा

शहर के मोहल्ला लहारियापुरवा की रजिया ने बताया कि उन्होंने दवा काउंटर से पर्चा को कटवा लिया था। ओपीडी कक्ष जाकर एक चिकित्सक से दवा भी लिखवा ली। हालांकि दवा काउंटर पर कोई नहीं था। इस वजह से बाहर की दवा खरीदनी पड़ी।

जिला अस्पताल में कराया इलाज

शहर के मोहल्ला इंदिरानगर निवासी मीना ने बताया कि जब वह पर्चा काउंटर पर पहुंची तो न तो पर्चा काउंटर पर कोई मिला और न ही ओपीडी में कोई मिला। पता नहीं ह़ड़ताल कब तक चलेगी। इसलिए वापस लौट रहे हैं। जिला अस्पताल इलाज कराएंगी। शरीर में दर्द रहता है।



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