उरई। किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के दोषी युवक को विशेष न्यायाधीश मय रेप पॉस्को कोर्ट न्यायाधीश अवनीश कुमार ने दोषी पाते हुए दस साल कारावास और 30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड जमा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

शासकीय अधिवक्ता बृजराज सिंह राजपूत ने बताया कि शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी पिता ने दो फरवरी 2019 को पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि मोहल्ले के ही अखिलेश कुमार अपने साथियों के साथ उसकी बेटी को परेशान करते है। आए दिन परेशान करने पर उन्होंने अपनी बेटी को कुरारा भांजे के पास भेज दिया था। वहां से अखिलेश 18 जनवरी 2019 को अपने सहयोगियों के साथ बेटी को बहला फुसलाकर ले गए है। पिता की तहरीर पर पुलिस ने अखिलेश समेत चार लोगों के खिलाफ किशोरी को बहला फुसलाकर ले जाने के मामले में रिपोर्ट दर्ज की थी।

पुलिस ने अखिलेश और किशोरी को शहर कोतवाली क्षेत्र के कांशीराम कॉलोनी से पकड़ लिया था। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि हम लोग अपनी मर्जी से आए हैं। हमें कोई भगा कर नहीं लाया है। किशोरी का मेडिकल परीक्षण करवाया गया। इसके बाद न्यायालय में बयान करवाए गए तो स्पष्ट हो गया कि अखिलेश ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया है।

पुलिस ने अखिलेश खिलाफ दुष्कर्म की धारा की बढ़ोतरी कर जेल भेज दिया। विवेचना में अन्य आरोपी निर्दोष पाए गए। आरोपपत्र में मुख्य आरोपी अखिलेश के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। सुनवाई पॉक्सो कोर्ट न्यायाधीश अवनीश कुमार की अदालत में चल रहा था। पांच साल चली सुनवाई के बाद गुरुवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और गवाहों के बयान सुनने के बाद न्यायाधीश ने अखिलेश को दोषी पाते हुए दस साल की कारावास और 30 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो माह का आंतरिक कारावास भुगतना पड़ेगा।



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