उरई। बाल वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित इंस्पायर अवार्ड योजना की हालत इस साल बेहद खस्ता है। अंतिम तिथि समाप्त होने में केवल हफ्ते भर बचा है और पंजीकरण दो फीसदी भी नहीं हुए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से इंस्पायर मानक अवार्ड योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में कक्षा छह से हाईस्कूल तक बढ़ने वाले बच्चे आवेदन कर सकते हैं। चयनित बच्चों को वैज्ञानिक मॉडल बनाने के लिए 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलती है। इस बार इस योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन किए जा रहे हैं। यह योजना अति महत्वाकांक्षी है, क्योंकि इस योजना में बाल वैज्ञानिकों को देश ही नहीं विदेश में भी मॉडल प्रदर्शन करने का मौका मिलता है लेकिन इस बार स्कूलों के प्रधानाचार्यों की लापरवाही से इस योजना को पलीता लग रहा है। प्रधानाचार्यों के रुचि न दिखाने से इस योजना में आवेदन की रफ्तार बेहद सुस्त है। (संवाद)
1151 स्कूलों से किया जाना था आवेदन, किया सिर्फ 22 ने
इस योजना के तहत 1151 स्कूलों से प्रत्येक स्कूल से पांच बच्चों के आवेदन का लक्ष्य रखा गया था। इसमें राजकीय, एडेड, वित्तविहीन, परिषदीय और सीबीएसई बोर्ड के भी विद्यालय के बच्चों के आवेदन कराए जाने थे। कुल 5755 बच्चों को आवेदन करना था। आवेदन 31 अगस्त तक कर सकते हैं। लेकिन अब तक कुल 22 स्कूलों के 115 बच्चों ने ही आवेदन किए है। जो लक्ष्य का बेहद कम है। यानी अभी तक 1.99 प्रतिशत बच्चों ने आवेदन किया है और 98.01 प्रतिशत बच्चों को आवेदन करना है। आवेदन करने में अब सिर्फ एक हफ्ते बचा है। हैरानी की बात यह है कि आवेदन करने का कोई शुल्क नहीं है। फिर भी उदासीनता बरती जा रही है।
2021 में टॉप पर था जिला
वर्ष 2021 में जिले में 2165 बच्चों ने आवेदन किए थे। इसमें 2278 बच्चों के मॉडल चयनित हुए थे। जो प्रदेश में सबसे ज्यादा थे। वर्ष 2022 में 345 बच्चों ने आवेदन किए थे। इसमें नौ बच्चे अवार्ड के लिए चुने गए थे। जबकि वर्ष 2023 में अब तक सिर्फ 115 आवेदन आए हैं।
अवनीश का नाम प्रदेश की टॉप टेन सूची में शामिल
वर्ष 2022-23 में इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत माधौगढ़ के बुंदेलखंड इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले अवनीश पुत्र राजनारायण का म़़ॉडल पंखा भरने वाली काउंटिंग मशीन को योजना में चयनित किया गया है। इस मशीन में पंखा भरने के लिए काउंटिंग की जरूरत नहीं होगी। संख्या भरने के बाद मशीन अपने आप काम करना बंद कर देगी। इस मॉडल के लिए अवनीश को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। यही नहीं उसका नाम प्रदेश के उन 10 बच्चों में शामिल था। जो बीती 8 और 9 अगस्त को आईआईटी दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय वैज्ञानिक सेमिनार में शामिल होने गया था।
बच्चों को प्रोत्साहन करने वाली इंस्पायर अवार्ड योजना में इस साल प्रधानाचार्यों ने उदासीनता दिखाई है। जिसकी वजह से आवेदन कम हुए हैं। जबकि बीते सालों में इस योजना में जिले के बच्चों ने नाम रोशन किया है। प्रधानाचार्यों से कहा गया है कि वह तेजी से आवेदन कराए ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को योजना का लाभ मिल सके।
अनिल गुप्ता, प्रभारी इंस्पायर अवार्ड योजना, जालौन
शासन से आए निर्देशों से प्रधानाचार्यों को अवगत करा दिया गया था। साथ ही जूम मीटिंग के माध्यम से भी जरूरी दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रधानाचार्यों से कहा गया है कि वह तेजी से आवेदन कराए। इसमें लापरवाही बरतने वाले प्रधानाचार्यों को चिह्नित किया जा रहा है।
राजकुमार पंडित, डीआईओएस जालौन