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भूमाफिया की टाउनशिपों के पीडि़तों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से गठित हाईपावर कमेटी ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। कोर्ट ने रिपोर्ट को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा है। अब यह रिपोर्ट कालिंदी गोल्ड, सेटेलाइट हिल्स और फिनिक्स टाउनशिप के तीन सौ से ज्यादा पीड़ित देख सकेंगे। इस मामले में अब हाईकोर्ट की अगली सुनवाई अब 26 सितंबर को होगी। तब तक भूमाफिया के खिलाफ शासन कोई कार्रवाई नहीं कर पाएगा।
हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज आइएस श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया था। बुधवार को हाई कोर्ट में 300 पेज की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जिसमें बताया गया कि भूमाफिया की काॅलोनियों में कितने कुल प्लाॅट है और कितने आवंटित किए है। इसके अलावा किन प्रकरणों का निराकरण नहीं हो सका। इसका ब्यौरा भी प्रस्तुत किया गया।
भूमाफिया नहीं हुए कमेटी के समक्ष उपस्थित
अगली सुनवाई से पहले भूमाफिया पर कार्रवाई नहीं करने के लेकर शासकीय शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि कमेटी ने रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। नीलेश अजमेरा एवं चिराग शाह कमेटी के समक्ष न तो उपस्थित हुए और न ही सहयोग किया। कई प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ और समझौता भी नहीं किया। काॅलोनाइजर न तो प्लाॅट दे रहे है और न ही ब्याज सहित राशि लौटा रहे है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आदेश को समाप्त किया जाए।
आपको बता दें कि भूमाफिया चंपू अजमेरा और अन्य तीन साल से जमानत पर हैं। कोर्ट ने शर्त पर जमानत का लाभ दिया था कि वे पीड़ितों के प्रकरण निपटाकर उन्हें राहत देंगे, लेकिन जमानत पर होने के बावजूद और सेटलमेंट करेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।