
भाजपा
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
परिवारवाद को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ग्वालियर दिए गए बयान से उन भाजपाई नेताओं के चेहरे खिल गए हैं, जो अपने बच्चों की पॉलिटिकिल लांचिंग की तैयारी में जुटे हुए हैं। रविवार को शाह ने बयान दिया कि परिवारवाद का मतलब सत्ता या पार्टी पर एक परिवार की मिल्कियत है, चुनाव में टिकट मिलना नहीं है। शाह के इस बयान से प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा बड़े नेताओं की अपने बच्चों को राजनीति में लांच करने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
भाजपा परिवारवाद को लेकर एक ही परिवार के नेताओं के बच्चों को राजनीति में आगे बढ़ाने को लेकर हमलावर रहती थी। अब गृहमंत्री शाह ने परिवारवाद की नई परिभाषा देने के बाद प्रदेश के कई नेताओं के बच्चों के लिए राजनीति के द्वार खुलना तय माना जा रहा है। इस विषय को लेकर वरिष्ठ पत्रकार प्रभु पटेरिया का कहना है कि शाह ने कहा कि यदि नेता पुत्र पार्टी में काम कर रहा है और उसे टिकट मिलता है, तो यह परिवारवाद नहीं है। 2019 में भाजपा ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के सांसद बेटे का टिकट काट दिया। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें भाजपा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चलती दिख रही है। यदि प्रदेश के नेताओं के बेटे पार्टी में निचले स्तर पर काम कर रहे हैं तो साफ है कि पार्टी उनको टिकट भी दे सकती है। फिलहाल भाजपा भी यह मानती है कि जिताऊ उम्मीदवार जरूरी है। इसमें परिवारवाद भी आड़े नहीं आएगा।
अभिषक भार्गव- पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव भी राजनीतिक एंट्री के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए अभिषक भार्गव भी लंबे समय से सक्रिय है।
देवेंद्र तिवारी- केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह भी ग्वालियर क्षेत्र में राजनीति में सक्रिय हैं। उनको नरेंद्र सिंह तोमर के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।
सिद्धार्थ मलैया- पूर्व मंत्री जयंत मलैया अपने बेटे सिद्धार्थ मलैया की लांचिंग की जुगत में हैं। दमोह से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस विधायक राहुल लोधी भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव हार गए। इसके बाद सिद्धार्थ को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा निष्कासित कर दिया गया। अब उनकी घर वापसी हुई है। जयंत मलैया भी सिद्धार्थ को टिकट दिलाने की कोशिश में लगे हैं।
मौसम बिसेन-वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी मौसम बिसेन के लिए सार्वजनिक मंचों से टिकट मांग चुके हैं। बालाघाट क्षेत्र में मौसम बिसेन सक्रिय भी है। गौरीशंकर बिसेन आगामी विधानसभा के लिए अपनी बेटी के लिए टिकट मांग रहे हैं।
मुदित शेजवार- पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने 2018 के चुनाव में बेटे मुदित शेजवार को टिकट दिलवाया। हालांकि, अपनी परंपरागत सांची विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार प्रभुराम चौधरी से मुदित हार गए। चौधरी ने भाजपा में शामिल होकर उपचुनाव जीता और अभी मंत्री है। अब फिर गौरीशंकर अपने बेटे के लिए जोर लगा रहे हैं।
सुकर्ण मिश्रा- प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा भी राजनीति में सक्रिय हैं। वे विधानसभा क्षेत्र में पिता का कामकाज देखते हैं।
आकाश राजपूत- मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत भी राजनीति में सक्रिय है। उनको गोविंद सिंह राजपूत के सियासी उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।
कार्तिकेय सिंह चौहान : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान भी राजनीति में सक्रिय हैं। वे पिछले चुनाव में प्रचार करते भी देखे गए।
महाआर्यमन सिंधिया- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया भी राजनीति में सक्रिय हैं। वे कुछ समय से लगातार सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आ रहे हैं।