इंदौर में तेजी से बढ़ते अपराधों और नशे के कारोबार के विरोध में जनता सड़क पर उतरने की तैयारी कर रही है। पिछले एक महीने में लगातार हुए बड़े अपराधों ने आम नागरिकों के मन में भय पैदा कर दिया है। रात 9 बजे के बाद शहर के लोग सड़कों पर निकलने से डरने लगे हैं। इन्हीं सब बातों के चलते सोमवार को शहरवासी रीगल तिराहे पर एकत्रित होकर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। 

कैसे जुट रहे शहरवासी

इंदौर के सभी लोकल वाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया पर अपील की जा रही है कि इंदौर को सुरक्षित रखने के लिए इंदौर के लोगों को ही एकजुट होना पड़ेगा। इसके लिए सभी नागरिक एक दूसरे से अपील कर रहे हैं कि वे सोमवार सुबह 9.30 बजे रीगल तिराहे पर एकत्रित हों और नशे और अपराध के खिलाफ आंदोलन करें। इस आंदोलन को कोई एक संस्था या समूह नहीं चला रहा है बल्कि लोगों ने खुद यह आंदोलन शुरू किया है और एक दूसरे से एकजुट होने के लिए निवेदन कर रहे हैं। 

सोमवार को क्या करेगी जनता

सोमवार को नागरिक रीगल तिराहे पर एकत्रित होकर हाथ में बैनर, पोस्टर और तख्तियां लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे। यहां से सभी बाइक रैली निकालकर पलासिया स्थित पुलिस कमिश्नर के कार्यालय जाएंगे। यहां पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर को शहर में सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने और अपराधों पर लगाम लगाने के लिए आवेदन देंगे। 

घर-घर बन रहे बैनर पोस्टर

आंदोलन की तैयारी के लिए इंदौर के नागरिक घरों में बैनर पोस्टर तैयार कर रहे हैं। खुद हाथों से तख्तियां बना रहे हैं और उस पर नशे और अपराध के खिलाफ स्लोगन लिख रहे हैं। इसमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी अपना योगदान दे रहे हैं। 



क्यों भड़की जनता, कैसे बिगड़े इंदौर के हालात

पिछले एक महीने में इंदौर में लगातार कई बड़े अपराध हुए। इनमें सड़कों पर खुलेआम नागरिकों की हत्याएं, नशे का कारोबार, महिलाओं से छेड़छाड़, बच्चों का अपहरण और सड़क हादसे सामने आए। इन सभी में नशा करके अपराध करने के मामले सर्वाधिक थे। इन सब वजहों से नागरिकों को आखिरकार सड़क पर उतरने का प्लान बनाना पड़ा। 

महापौर ने नाइट कल्चर पर जताया विरोध

शनिवार को ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बढ़ते हुए अपराधों पर कलेक्टर इलैया राजा टी और कमिश्नर मकरंद देऊस्कर को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि अपराधों की रोकथाम के लिए नाइट कल्चर पर लगाम लगाने के विषय में विचार की जरूरत है। इसके लिए सभी संस्थाओं, नागरिकों और अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए। 




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