
इंदौर आई स्वच्छता सर्वेक्षण टीम
– फोटो : इंदौर आई स्वच्छता सर्वेक्षण टीम
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इंदौर के सिर पर सातवीं बार स्वच्छता का ताज रहेगा या नहीं, इसका आंकलन करने के लिए दिल्ली से स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम आ गई है। सात सदस्यों का दल इंदौर में 28 अगस्त तक रुकेगा। 26 अगस्त तक फिल्ड में जाकर सफाई व्यवस्था देखी जाएगी। बचे दो दिन में दस्तावेजीकरण किया जाएगा। इस बार बारिश में स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे इंदौर के लिए चुनौती बना हुआ है,क्योकि कई सड़कों पर जलजमाव, गड्ढे है। बारिश के कारण कई इलाकों की बेकलेन भी साफ नहीं हो पाई है और उनमें गाद भरी हुई है।
इंदौर आई स्वच्छता सर्वेक्षण टीम ने शुक्रवार को अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर सफाई व्यवस्था देखी। टीम के सदस्यों ने रहवासियों से भी सफाई को लेकर फीडबैक लिया। रहवासियों से पूछा गया कि अभी जैसी सफाई हो रही है, क्या वैसी सालभर होती है। इसके अलावा डोर टू डोर कचरा कलेक्शन सिस्टम के बारे में पूछा। सर्वे के दौरान टीम ने बैकलेन की सफाई, थ्री आर को जानकर भी देखा।
दिल्ली से मिल रही लोकेशन पर जाकर सर्वे कर रही टीम
सर्वे के लिए आई टीम के पास आधुनिक गजेट्स भी है। दिल्ली में बैठी टीम से सर्वे के लिए इंदौर आई टीम को लोकेशन मिल रही है। शुक्रवार को एम आर-10, खजराना, विजय नगर क्षेत्र में टीम ने सर्वे किया। जिस स्थान पर टीम जा रही है, उसके बारे में स्थानीय अफसरों को भी पता नहीं है। उनके मौके पर जाने के बाद अफसरों को इस बात की जनकारी मिल रही है।
इस बार वाटर प्लस की रेटिंग नहीं इंदौर के पास
सर्वेक्षण में 9500 नंबर है। इसमें सबसे ज्यादा 1500 नंबर वाटर प्लस सर्वे के है। पिछले साल 7500 अंकों का सर्वे हुआ था और देशभर के चार हजार से ज्यादा शहरों ने सर्वेक्षण में हिस्सा लिया था। इस बार इंदौर को सूरत और नवी मुबंई से भी टक्कर मिल रही है। पिछले साल इंदौर को वाटर प्लान में सेवन स्टार रेटिंग मिली थी। इस बार तो सर्वे ही नहीं हुआ। नाला टैंपिंग प्रोेजेक्ट फ्लाप साबित हुआ और शहर के नालों में काला पानी और गाद भरी हुई है। इस पार इंदौर को सबसे ज्यादा वाटर प्लस में ही नुकसान होगा। अमानक पाॅलिथीन, सिंगल यूज्ड प्लास्टिक, नो थू-थू अभियानों ने भी शहर में औपचारिकता निभाई। सर्वेक्षण टीम को देखते हुए निगम ने वार्ड स्तर पर टीम तैनात कर रखी है और रात में भी शहर की सफाई हो रही है।
डोर टू डोर सबसे बेहतर
इंदौर की सफाई व्यवस्था में डोर डू डोर कचरा कलेक्शन पूरे देश में इंदौर सबसे आगे है। ऑनलाइन और ऑफलाइन सफाई के प्रति फीडबैक में भी इंदौर कमजोर है। इसके भी दो हजार से ज्यादा अंक है। सड़क निर्माण, सीवरेज खुदाई, स्टार्म वाटर लाइन खुदाई के कारण शहर की सड़कों पर गड्ढे, कीचड़ और गाद है। शहरवासियों को भी साफ पानी नहीं मिल पा रहा है।