संवाद न्यूज एजेंसी, जालौन
Updated Fri, 18 Aug 2023 12:26 AM IST
उरई। चिप देने के मामले में युवक के साथ मारपीट तक जातिसूचक गालीगलौज करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट शिवकुमार ने तीन लोगों को दोषी पाया। इसमें एक दोषी को तीन साल की कैद और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि मारपीट में शामिल दो लोगों को दो-दो साल की कैद और दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर दो दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
शासकीय अधिवक्ता रणकेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि आटा थाना क्षेत्र के पिपराया निवासी संतोष कोरी ने 30 दिसंबर 2017 को पुलिस को तहरीर दी। बताया कि 29 दिसंबर को घर से हनुमान मंदिर की ओर जा रहा था, तभी गांव के ही नितिन तिवारी ने जबरन रोककर जातिसूचक गाली देते हुए मारपीट की। इस दौरान सोनू व रमेश कोरी ने भी मारपीट में सहयोग किया। तब पुलिस ने तीनों पर रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिसका ट्रायल विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट शिवकुमार की अदालत में 6 साल से चल रहा था। गुरुवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें और जिरह सुनने के बाद न्यायाधीश ने नितिन तिवारी को एससीएसटी में दोषी पाते हुए तीन साल की कैद और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं रमेश कोरी और सोनू कोरी को मारपीट में सहयोग करने पर दो-दो साल की सजा सुनाई और दो-दो हजार रुपए अर्थदंड लगाया।