MP News: Rewa Gaushal Peti Contractor Organization accuses BJP government of 50 percent commission

कमीशनखोरी पर फिर घिरी भाजपा सरकार
– फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय शेष बचा है। शिवराज सरकार हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है, लेकिन लगातार कमीशनखोरी के आरोप लगने के बाद अब भाजपा सरकार घिरती नजर आ रहा है। बीते दिनों लघु कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने कमीशनखोरी का आरोप लगाया था, तो वहीं अब रीवा गौशाला पेटी कॉन्ट्रैक्टर का पत्र आया सामने है। कांग्रेस नेता अरुण यादव सोशल मीडिया पर हैशटैग कमीशनखोर सरकार के साथ पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा ‘अब पेटी कॉन्ट्रैक्टर पीयूष पांडेय ने लिखा जबलपुर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र। मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेताओं को 50% कमीशन के सबूत चाहिए थे न, आप लोगों के डर की वजह से ज्ञानेंद्र अवस्थी सामने नहीं आया था, लेकिन पीयूष पांडेय किसी भी मंच पर 50% कमीशन के आरोपों पर बात करने के लिए तैयार है। अब जाइये और जाकर फिर मेरे एवं कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक और एफआईआर करवाईये।’

वहीं, पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी इस पत्र पर सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि ‘शिवराज सरकार के 50% कमीशनराज के भ्रष्टाचार का घड़ा फूट चुका है। रीवा के गौशाला पेटी कॉन्ट्रैक्टर संगठन ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शासकीय कार्यों में 50% कमीशन खाने का आरोप लगाया है। ठेकेदार ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी किया और यह भी बताया कि उसके जैसे कई अन्य ठेकेदार भी 50% कमीशन राज से पीड़ित हैं।

भारत की न्यायपालिका में इस तरह के गंभीर मामलों में स्वत संज्ञान लेने की गरिमापूर्ण परंपरा रही है। मैं माननीय न्यायालय से आग्रह करता हूं कि इस ठेकेदार के पत्र का संज्ञान लें, उसे सुरक्षा मुहैया कराएं और मध्यप्रदेश को चाट रहे भ्रष्टाचार के दीमक से बचाएं। यह सर्वविदित है कि जब ग्वालियर के ठेकेदार ने इसी तरह का आरोप लगाया था तो बिना जांच-पड़ताल के ही सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों ने मामले को दबाने और फरियाद करने वालों को फसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।’

बता दें, 13 अगस्त को ग्वालियर में लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम के व्यक्ति ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत की थी कि मध्यप्रदेश में 50 फ़ीसदी कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है। पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि सरकार में कोई सुनने और देखने वाला नहीं है। दलाल किस्म के लोग सक्रिय हैं।’

वहीं, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा ने पत्र और उसे लिखने वाली संस्था को फर्जी बताकर पार्टी को बदनाम करने को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, कमलनाथ समेत अन्य कांग्रेस नेताओं पर 41 थानों में एफआईआर दर्ज कराई थी।



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