अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। मंडल की 21 ग्राम पंचायतों के खाते में करीब दो करोड़ रुपये डंप पड़े हैं। इन पैसों से ग्राम पंचायतें काम ही नहीं करा रही हैं। यह हालात तब हैं जब वित्तीय वर्ष के चार माह गुजर चुके। शासन स्तर से हुई समीक्षा के बाद यह लापरवाही उजागर हुई। अधिकांश ग्राम पंचायतों को स्वच्छ भारत मिशन एवं ओडीएफ के तहत गांव में काम कराने थे लेकिन, पंचायतों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।

प्रत्येक मंडल में गांव के भीतर स्वच्छता मापदंड पूरे करने के लिए मॉडल ग्राम पंचायतें चुनी गईं। इनको पंद्रहवें वित्त आयोग, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं ओडीएफ स्कीम के जरिए काम कराने के लिए पैसे दिए गए। पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने करीब 9 करोड़ रुपये जारी किए। कुछ पंचायतों ने तो यह रकम खर्च कर दी लेकिन, मंडल की 21 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जो यह पैसा ही खर्च नहीं कर सकीं। इनमें सर्वाधिक 11 ग्राम पंचायतें झांसी की हैं जबकि चार ललितपुर एवं तीन जालौन की शामिल हैं। पिछले दिनों शासन स्तर पर इन ग्राम पंचायतों के खर्च किए पैसों की पड़ताल के दौरान यह लापरवाही उजागर हुई। इसके बाद से ग्राम पंचायतों की कार्ययोजनाएं तलाशी जा रही हैं। वहीं, डीपीआरओ जगदीश राम के मुताबिक इन पंचायतों में किस वजह से बजट खर्च नहीं किया गया, इसकी जांच कराई जाएगी।

यह ग्राम पंचायतें खर्च नहीं कर सकीं रकम

घुराट, खिसनीखुर्द, पड़रा, कचनेव, मगरपुर, सोनकपुरा, बगरौनी, मोतीकटरा, ढुरवई, एवनी, छिरौना (झांसी), घटवारा, बादरौंन, सीरोनकलां, दैलवारा, कल्याणपुरा, नौहरकलां, सिलगन (ललितपुर) एवं जुझारपुरा, ऐरी रामपुरा (जालौन) शामिल हैं।



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