The city of taste, Indore lags behind three cities in the country, Lucknow, Kolkata, Amritsar in top three in

इंदौर की मशहूर 56 दुकान
– फोटो : amar ujala digital

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इंदौर भले ही मध्य प्रदेश की फूड केपिटल कहलाता हो, लेकिन देश में स्वच्छता की तरह इंदौर इस मामले में सिरमौर नहीं बन पाया। डेढ़ हजार पाक विशेषज्ञों द्वारा देशभर के फूड स्ट्रीट सर्वे के बाद गोदरेज फूड ट्रेंड्स रिपोर्ट 2023 तैयार की गई। उसमें इंदौर को 47 प्रतिशत दिया गया। इस सर्वे में इंदौर चौथे स्थान पर है,जबकि लखनऊ पहले, कोलकता दूसरे और अमृतसर तीसरे स्थान पर है। चौथे नंबर पर इंदौर का आना स्वाद की इस नगरी की कमियों को भी उजागर कर रहा है। आखिर इंदौर की फूड स्ट्रीट को बेहतर बनाने में क्या कमी रही। इस पर फूड स्ट्रीट एसोसिएशनों के पदाधिकारियों और विशेषज्ञों से बात की गई।

गोदरेज फूड सर्वे में पारंपरिक स्वाद, निर्माण विधि, डिलेवरी और पैकेजिंग, सर्व करने का तरीक और स्वच्छता के आधार पर नंबर दिए गए।इंदौर इस सर्वे में चौथे स्थान पर रहा,क्योकि इंदौर की प्रसिद्ध फूड स्ट्रीट में अभी भी कई कमियां है, जिन्हें दूर करना बाकी है। शहर की 100 साल पुरानी सराफा चौपाटी की सिग्नेचर डिश भूट्टे का किस, दही बड़े, गराडू, जलेबा, मालपूए है, लेकिन इनके स्टाॅल कम है। इन स्टाॅलों को चौपाटी पर शोकेस भी नहीं किया गया है।

पारंपरिक स्वाद के स्टाॅल कम

अब सराफा चौपाटी में बर्गर, नूडल्स, मोमोस, पिज्जा, पानी बताशे जैसे व्यंजनों के स्टाॅल ज्यादा है। यह स्टाॅल सराफा चौपाटी की एंट्री पर ही स्वाद का लुत्फ आए लोगों को पहले नजर आते है। सराफा चौपाटी एसोसिएशन के अध्यक्ष राम गुप्ता भी स्वीकारते है कि इंदौर के पारंपरिक स्वाद के स्टाॅल कम है। इस बार एसोसिएशन की बैठक में इसे उठाया जाएगा। मालवा-निमाड़ के पारंपरिक व्यंजन को ज्यादा महत्व चौपाटी पर मिलना चाहिए। पर्यटक ज्यादातर उन व्यंजनों को पसंद करते है, जो उन्हें उनके शहर में नहीं मिलते है।

सिग्नेचर डिश की संख्या कम

56 दुकान क्षेत्र का विकास कर नगर निगम ने उसकी ख्याति जरुर बढ़ाई, लेकिन स्वाद पर अभी भी काम होना बाकी है। इस फूड स्ट्रीट में 56 दुकानों के अलावा सिटी हार्ट बिल्डिंग में भी खान-पान की दुकानें सजती है, लेकिन 56 दुकान की सिंग्नचेर डिश में आलू पेटिस, शिकंजी, आमलेट बेंजो, कुल्फी शामिल है। यहां सिग्नचेर डिश की संख्या और बढ़ना चाहिए। फूड पैकेजिंग और डिलेवरी भी यहां दो-तीन दुकानों की ही बेहतर है। 56 दुकान व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष गुंजन शर्मा कहते है कि हम तो हमारी तरफ से इस फूड स्ट्रीट को बेहतर बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे है। सर्वे में किस आधार पर इंदौर को कम नंबर दिए गए, इसका आकंलन किया जाएगा।

इंदौर को पहचान दिलाने वाले स्वाद की ब्रांडिंग जरुरी

ट्रेवल एजेंट एसोसिशएशन आफ इंडिया के चेयरमेन हेमेंद्र सिंह जादौन का कहना है कि इंदौर आने वाले पर्यटक 56 दुकान और सराफा घूमने जरुर जाते है, लेकिन वहां पारंपरिक व्यंजनों की कमी खलती है। इंदौर जिस स्वाद के लिए पहचाना जाता है, उसकी ब्रांडिंग इंदौर की फूड स्ट्रीट पर होना चाहिए। उनके स्टाॅल की संख्या भी ज्यादा होना चाहिए। पर्यटकों की जानकारी के लिए व्यंजनों के व्यवस्थित डिस्प्ले बोर्ड भी होना चाहिए।



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