Explainer: What is the ruckus over the letter bomb of 50 per cent commission in Madhya Pradesh?

50 फीसदी कमीशन का मामला।
– फोटो : Amar Ujala Digital

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मध्य प्रदेश में 50 फीसदी कमीशन के वायरल पत्र पर सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस नेताओं ने पत्र को वायरल कर सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने पत्र और उसे लिखने वाली संस्था को फर्जी बताकर पार्टी को बदनाम करने को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, कमलनाथ समेत अन्य कांग्रेस नेताओं पर 41 थानों में एफआईआर दर्ज कराई है। इसे कांग्रेस ने सच बोलने पर कार्यकर्ताओं को दबाने का आरोप लगा कर नहीं डरने की बात कही है। वहीं, भाजपा का कहना है कि झूठ बोलने वालों को जेल भेजेंगे। 

ऐसी हुई शुरुआत

पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने गुरुवार को लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ का एक लेटर सोशल मीडिया पर शेयर किया। ठेकेदारों की तरफ से ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ के चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में आरोप लगाया गया कि प्रदेश में 50 परसेंट देने पर ही भुगतान होता है। इसमें कोर्ट से जांच कराने की मांग की गई। इस पत्र को ग्वालियर बसंत विहार के ज्ञानेंद्र अवस्थी ने लिखा। यादव ने इस पर सरकार पर हमला बोला। 

इसके अगले दिन कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश, पीसीसी चीफ कमलनाथ समेत अन्य नेताओं ने इस मुद्दे को ट्वीट करने करने पर सियासी बवाल मच गया। प्रियंका गांधी ने लिखा कि कर्नाटक में भ्रष्ट भाजपा सरकार 40% कमीशन की वसूली करती थी। मध्य प्रदेश में भाजपा भ्रष्टाचार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर आगे निकल गई है। 

भाजपा ने बताया छवि धूमिल करने का प्रयास 

भाजपा के नेताओं ने पत्र पर कड़ा जवाब देते हुए फर्जी बताया। कांग्रेस नेताओं पर संस्था और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि धूमिल करने का प्रयास बताया। इसके विरोध में भाजपा के नेताओं ने सभी जिलों में पुलिस को शिकायत दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पत्र को फर्जी करार दिया। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के नेताओं को संबंधित व्यक्ति और संस्था को सामने लाने को कहा। इसके बाद भाजपा नेता की शिकायत ग्वालियर में कूटरचित दस्तावेज से छवि धूमिल करने की धाराओं में केस दर्ज किया गया। इसके बाद इंदौर, ग्वालियर से लेकर प्रदेश के 41 जिलों में एफआईआर दर्ज की गई। 

पता और व्यक्ति दोनों फर्जी 

पुलिस ने इस शिकायत पर ज्ञानेंद्र अवस्थी के नाम पर एफआईआर दर्ज की गई। उसका पता अज्ञात लिखा गया। साथ ही इसमें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, कमलनाथ, जयराम रमेश समेत अन्य कांग्रेस के नेताओं के नाम जोड़े गए। पुलिस जांच में ग्वालियर में पत्र लिखने वाली संस्था और उसे लिखने वाले ज्ञानेंद्र अवस्थी के बसंत विहार ग्वालियर के पते पर ढूंढा। लेकिन ना तो इस नाम का कोई व्यक्ति इलाके में मिला ना ही लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ नाम की कोई संस्था का कार्यालय। ना ही इस प्रकार की कोई संस्था किसी सरकारी कार्यालय में रजिस्टर्ड होना पाया गया। 

अब आगे क्या? 

इस मामले में पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि संबंधित धाराओं में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है। इसलिए सामान्य गिरफ्तारी नहीं होगी। उनको नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद कोर्ट में कार्रवाई के दौरान बुलाया जाएगा। पुलिस के अधिकारी यह निर्णय लेंगे कि संबंधित कांग्रेस नेताओं को नोटिस देकर बुलाया जाएगा या सूचना देकर। 

क्या है कर्नाटक प्लान

कांग्रेस ने कर्नाटक में भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कई स्तरों पर काम किया। रणनीति के तहत भाजपा सरकार को भ्रष्ट साबित करने के लिए समन्वित हमले किए। एक साथ कई मोर्चे खोलकर वोटरों के बीच यह फैलाया कि भाजपा सरकार 40% कमीशन वाली सरकार है। बिना कमीशन दिए कोई काम नहीं हो सकता। इस फॉर्मूले का लाभ मिला और भाजपा को हार का स्वाद चखना पड़ा। अब कांग्रेस शिवराज सरकार को घेर रही है।



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