
सालभर बाद भी नहीं बन पाया कारम डेम
– फोटो : amar ujala digital
विस्तार
सालभर पहले 14 अगस्त को धार जिले का कारम बांध की पाल टूटने के बाद सरकार ने बांध का एक हिस्सा तोड़ कर पानी बहाया, लेकिन बांध का काम सालभर बाद भी शुरू नहीं हो पाया। बांध से सैकड़ों हेक्टेयर खेत में सिंचाई की योजना भी बांध के पानी के साथ बह गई। सरकार घटिया बांध बनाने वाली कंपनी पर मेहरबान है। कंपनी न तो बांध का बचा काम कर रही है और न ही सरकार दबाव बनाकर कंपनी से बचा काम कराने में रुचि ले रही है।
पिछले साल 14 अगस्त को कारम बांध में बड़ा कट लगाकर प्रशासन ने तालाब का पानी बहाया था। प्रशासन को 15 से ज्यादा गांव खाली करने पड़े, क्योकि बांध फूटने की स्थिति में गांवों के डूबने का खतरा बढ़ गया था। ऐसे हालात इसलिए बने क्योकि जिस कम्पनी को ठेका दिया गया, उसने न तो मिट्टी का भराव ठीक से किया और नही बांध के गेट लगाए।
बांध बनाने वाला ठेकेदार प्रदेश के एक मंत्री का करीबी है, इसलिए न तो उस पर एफआईआर की गई और न ही उससे पैसों की वसूली की गई। बांध का बचा काम भी उस कम्पनी को ही करना है, लेकिन सालभर बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया। बांध की कमजोर पाल बनाने के लिए जिम्मेदार कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया, लेकिन जल संसाधन विभाग के अफसर इतने मेहरबान थे कि निर्माण पूरा होने से पहले ही 90 प्रतिशत काम का भुगतान कंपनी को कर दिया गया। इस बार जुलाई माह में बांध के फूटे हिस्से से पानी बहता रहा, यदि बांध सालभर में बन कर तैयार हो जाता तो आसपास के गांवों के किसानों को सिंचाई से खेतोंं में फायदा होता।
300 करोड़ में दिया था ठेका
कारम डैम के निर्माण का काम 300 करोड़ रुपये में एएनएस कंपनी को दिया था। कंपनी ने जरूरत से ज्यादा पैसा ले लिया, लेकिन काम उतना नहीं किया। न ठीक से मिट्टी की पाल बनाई और न गेट लगाए। अफसरों ने भी बांध की गुणवत्ता देखे बिना उसे भरने की अनुमति दे दी। डैम पानी का दबाव सह नहीं पाया और उसमें दरार आ गई थी। तब उसमें सुराख कर तालाब खाली करना पड़ा था।
लापरवाही सामने आने पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया। फिर गुपचुप तरिके से बचा काम करने का वर्क प्लान भी मांग लिया। कंपनी ने पांच माह बाद भी काम शुरू नहीं किया है। अफसर किसी दूसरी कंपनी से भी काम नहीं करा रहे हैं। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट का इस मामले में कहना है कि हमने एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है। उसकी देखरेख में काम किया जाएगा।