
नई तकनीक से इंदौर में भरे जा रहे गड्ढे
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शहरवासियों के लिए परेशानी का सबक बन इंदौर की चुके गड्ढे अब दो घंटे में गायब हो जाएंगे। पेचवर्क के दो घंटे के बाद सड़क पर ट्रैफिक चल सकेगा। जयपुर की कंपनी में इंदौर में कुछ गड्ढे को पेचवर्क कर निगम अफसर को ट्रायल दिया। मधु मिलन चौराहा पर विशेष केमिकल और सीमेंट के साथ गड्ढे भर कर मेयर पुष्यमित्र भार्गव और निगम अफसर को दिखाए गए।
कंपनी का कहना कि विशेष तकनीक से गड्ढों पर किया गया पेचवर्क ज्यादा मजबूत रहेगा और बार-बार तरी करने की जरूरत नहीं रहेगी। पेचवर्क भी लंबे समय नहीं उखड़ेगा।
राजस्थान की जो कंपनी इंदौर में गड्ढे भरने का काम कर रही है, उसे राजस्थान सरकार ने भी वहां की सड़कों के गड्ढे भरने के लिए अनुबंध किया है। जिस तकनीक से कंपनी गड्ढे भरती है उसमे स्पेशल इकोफ्रेंडली सीमेंट का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक में गड्ढों के आसपास के हिस्से को पहले साफ किया जाता है, फिर उसमे विशेष प्रकार की सीमेंट और रसायन का घोल डाला जाता है और फिर मजदूर प्लास्टर कर देते है।
जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि ट्रायल के तौर पर किए गए पेचवर्क की मजबूती को हम परखेंगे। विशेषज्ञों से भी राय ली जाएगी। अच्छे परिणाम आने पर नई तकनीक से इंदौर के गड्ढे भरे जा सकेंगे।
यह होगा फायदा
-नई तकनीक से गड्ढे भरने का फायदा यह होगा कि सड़क को लंबे समय तक सड़क को ट्रैफिक के लिए बंद नहीं करना होगा। दो घंटे बाद पेचवर्क वाले हिस्से पर से वाहन निकल सकेंगे।
– किए गए पेचवर्क पर बार-बार जूट के बोरे रखकर तरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
– विशेष केमिकल का उपयोग होने के कारण बारिश होने पर पेचवर्क नहीं उखड़ेगा।