जिलाधिकारी निवास के सामने रोकने पर की नारेबाजी, चक्का जाम करने से एक घंटे से अधिक बाधित रहा आवागमन

किसानों ने अपनी मांगें शासन के सामने रखीं

संवाद न्यूज एजेंसी

ललितपुर। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर ट्रैक्टर रैली का निकालकर शुक्रवार को प्रदर्शन किया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय जाने से पहले ही जिलाधिकारी निवास के सामने रोक लिया। इस पर किसान सड़क पर बैठ गए, उन्होंने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान किसानों के प्रदर्शन से करीब एक घंटे से अधिक आवागमन बाधित रहा। किसानों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर को सौंपा।

ज्ञापन में किसानों ने बताया कि जब देश कोरोना काल जैसी महामारी से त्रस्त था, उस दौर में भी किसानों ने देश को अन्न उत्पादन करके दिया और संकट के दौर से बाहर निकाला, लेकिन खेती पर बढ़ता खर्च और फसल का वाजिब भाव ना मिलना किसान को कर्जदार बना रहा है। किसान कर्ज लेकर खेती करने को मजबूूर हैं।

किसानों ने कहा कि किसान भूमि को बंधक करके बैंकों से ऋण ले रहा है। जिससे उसकी भूमि बैंकों में बंधक हो चुकी है। परिवार का पालन-पोषण उसके लिए भविष्य में चुनौती बन गया है। नारेबाजी कर रहे किसानों ने सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दिलाने की मांग उठाई।

इस अवसर पर किसान नेता, लाखन पटेल, रंजीत सिंह, रामबाबू यादव, राजपाल यादव, शब्बीर खान सहित सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे।

पुलिस व किसानों के बीच दिखी तनाव की स्थिति

प्रदर्शन के दौरान जब जिलाधिकारी कार्यालय जाने से किसानों को रोका गया, तो पुलिस व किसानों के बीच में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि मौके पर क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय ने स्थिति संभाल लिया। किसानों ने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को रखा।



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