Economist Kavadia said - starting health tourism on the banks of rivers will benefit the state

डेवलपमेंट फाउंडेशन मेें विचार वक्त करते वक्ता।
– फोटो : amar ujala digital

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अर्थशास्त्री डाॅ. गणेश कावड़िया ने कहा है कि प्रदेश की प्रगति के लिए प्रदेश के हर जिले में फूड प्रोसेसिंग प्लांट खोलने आवश्यक है । इसके साथ ही मध्य प्रदेश में नदियों के किनारे स्वास्थ्य पर्यटन शुरू कर हम नई संभावनाओं को आकर दे सकते हैं ।

वे गुरुवार को डेवलपमेंट फाउंडेशन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश में विकास की संभावनाओं और चुनौतियों पर शहर के बुद्धिजीवियों से चर्चा कर रहे थे । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी मुकुंद कुलकर्णी ने की । विषय प्रवर्तन करते हुए डेवलपमेंट फाउंडेशन के संस्थापक आलोक खरे ने कहा कि पिछले एक दशक से यह फाउंडेशन मध्य प्रदेश के विकास के मुद्दों पर कार्य कर रहा है । इस कार्यक्रम में खासतौर पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल महामहिम वी एस कोकजे भी मौजूद थे ।

इस मौके पर डॉ.कावड़िया ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद से मध्य प्रदेश के विकास की प्रक्रिया बदली है । वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रूप में दो राज्यों का विभाजन होने के बाद प्रदेश में कोयला और बिजली का बड़ा संकट आ गया था । इस स्थिति में सरकार के द्वारा 2005 में जल जंगल जमीन की योजना लाई गई ।

कोविड के संकटकाल में मध्य प्रदेश एकमात्र ऐसा प्रदेश था जिसने कि अपनी विकास दर को कायम रखा । जितना वन क्षेत्र मध्य प्रदेश के पास है उतना पूरे देश में किसी भी राज्य के पास नहीं है । यही कारण है कि मध्यप्रदेश को देश में ऑक्सीजन की फैक्ट्री के रूप में पहचाना जाता है । पूरी दुनिया में सबसे बेहतर गेहूं मध्यप्रदेश में हैं ।

गेहूं के उत्पादन में सरकार के द्वारा शुरू किए गए बोनस ने इस उत्पादन में क्रांति ला दी है । उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा नदियों का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश है । प्रदेश में नदियों के किनारे पर स्वास्थ्य पर्यटन शुरू किया जाना चाहिए । वहां पर नेचुरल हेल्थ सेंटर शुरू किया जाना चाहिए तो वह प्रदेश की प्रगति में मिल का पत्थर साबित होगा ।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि का स्वागत श्याम पांडे एवं शफी शेख ने किया । आभार प्रदर्शन रामेश्वर गुप्ता ने किया । इस कार्यक्रम को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल आफ इकोनॉमिक्स के विभाग अध्यक्ष प्रो कन्हैयालाल आहूजा ने भी संबोधित किया । कार्यक्रम में डॉ कावड़िया के व्याख्यान के बाद बुद्धिजीवियों के द्वारा प्रश्न भी किए गए ।



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