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खजराना मंदिर परिसर में दिव्यांग व्यक्ति को विकलांग कोटे में दुकान दिलाने के नाम पर दो युवकों ने पंद्रह लाख की ठगी कर ली। खुद को नकली खाद्य अफसर बताकर रोपी पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त से पहचान का झूठा हवाला देकर दिव्यांग से किश्तों में पैसे लेते रहे। तीन साल तक चक्कर खाने के बाद दुकान नहीं मिली,तो जगजीवन राम नगर निवासी गणेश शर्मा निगमायुक्त कार्यालय पहुंचे और सारा वाक्या बताया। पता चला कि पैसे लेने के लिए आरोपियों ने एक युवती से फोन पर नकली निगमायुक्त बनकर बात भी कराई थी।
मामला जानकारी में आने के बाद निगमायुक्त हर्षिका सिंंह ने पुलिस अफसरों को मामले की जांच कर एक्शन लेने के लिए पत्र लिखा है। आरोपियों ने दिव्यांग व्यक्ति को पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह से पार्टी में मिलवाने का झूठा वादा कर एक होटल में भी बुलवाया था, फिर बारिश होने का हवाला देकर मना कर दिया। गणेश शर्मा के एक भाई की दुकान खजराना मंदिर में है। वे खुद भी विकलांग कोेटे में दुकान चाह रहे थे।
उन्हें आरोपी सूरज भावसार और विशाल शर्मा मिले और कहा कि15 लाख में दुकान दिलवा देंगे।गणेश शर्मा ने ब्याज पर पैसा लेकर आरोपियों को दिया, लेकिन उन्हें दुकान नहीं मिली। उन्होंने भाजपा नेता आनंद पुरोहित को इसकी जानकारी दी तो उन्हें शंका हुई और निगम अफसरों को जानकारी दी।
शर्मा ने ठगों के साथ हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी सौंपी। इसके बाद निगमायुक्त ने भी पुलिस अफसरों को जांच कर एक्शन लेने के लिए पत्र लिखा है। अब शर्मा दंपति्त को पुलिस ने बुधवार को बुलाया है। गणेश शर्मा ने बताया कि पैसे लेने के बावजूूद कभी मिटिंग, तो कभी दौरे का हवाला देकर टाल जाते थे। कभी अफसरों से नहीं मिलवाते थे। उन्होंने दो किश्तों में हमसे 15 लाख रुपये लिए थे।