
रैली के बहाने आदिवासी समुदाय ने दिखाई ताकत
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इंदौर में विश्व आदिवासी दिवस पर महारैली निकाली गई, जिसमें हजारों आदिवासी सम्मिलित हुए।कई महिलाएं और पुरुष पारंपरिक परिधान में नाचते गाते हुए चल रहे थे। रैली ने लालबाग सेे पांच किलोमीटर का सफर तय किया और राजीव गांधी चौराहे पर समाप्त हुई।
इस रैली के बहाने आदिवासी समाज ने इंदौर में अपनी ताकत दिखाई। रैली में महू, मानपुर, खरगोन सहित आसपास के क्षेत्रों के आदिवासी भी शामिल हुए थे।
लालबाग पैलेस मेें आदिवासी समुदाय एकत्र हुआ। फिर रैली शुरू हुई। रैली में सीधी और मणिपुर की घटना को लेकर रोष भी नजर आया। इन घटनाअेां से जु़ड़ी तख्तियां भी कई लोगों के हाथों में थी। लोग दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहे थे। कई महिलाएं और पुरुष पारंपरिक परिधान में नाचते गाते हुए चल रहे थे।
कुछ युवा हाथ में जल जंगल जमीन बचाअेां, हम अपना अधिकार मांगते,नहीं किसी से भीख मांगते की तख्तियां लेकर चल रहे थे। यह रैली लालबाग से शुरू हुई। कलेक्टर ऑफिस,जूनी इंदौर ब्रिज, भंवरकुंआ चौराहा होते हुए राजीव गांधी चौराहा पहुंची और वहां समाप्त हो गई।
इसके बाद एक गार्डन में सभा हुई। जिसमें आदिवासी संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने विचार व्यक्त किए।
यातायात भी होता रहा बाधित
रैली में काफी भीड़ थी। उसका एक सिरा कलेक्टर कार्यालय पर था तो दूसरा सिरा लालबाग गेट पर। सड़क के एक तरफ के हिस्से में रैली चल रही थी, लेकिन दूसरी तरफ का यातायात भी बाधित होता रहा। रैली के कारण महूनाका, मोती तबेला की ट्रैफिक व्यवस्था एक घंंटे तक प्रभावित रही। दोपहिया वाहन चालक गलियों से निकलने की जद्दोजहद करते रहे, लेकिन वहां भी जाम मिला।