विस्तार
राजधानी भोपाल में कैंसर मरीज की मदद करना एक दवा कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) को भारी पड़ गया। एमआर ने मरीज को आधी कीमत में दवा उपलब्ध कराने में मदद की। इससे नाराज बंसल अस्पताल के नजदीक दवा दुकान संचालित करने वाले केमिस्ट ने एमआर के साथ न सिर्फ मारपीट और बदसलूकी की, बल्कि उससे माफीनामा भी लिखवाया। अब इस मामले में आरोपी दुकानदार का कहना है कि मारपीट के आरोप बेबुनियाद हैं। एमआर बिना लाइसेंस के सीधे मरीज को दवा बेच रहा था। वह दोबारा गलती ना करे, इसलिए उससे एक कागज पर माफीनामा लिखवाया।
भोपाल के बंसल अस्पताल में एक मरीज की जांच रिपोर्ट में कैंसर की बीमारी की पुष्टि हुई। इस पर डॉक्टर ने मरीज को दवा लिखी और सस्ती दवा के लिए दवा कंपनी के एमआर से संपर्क करने के लिए नंबर उसे शेयर किया। बाजार में दवा के 60 कैप्सूल की कीमत 38 हजार रुपये थी, जिसे एमआर ने 16 हजार रुपये में दिलाने के लिए एक स्टॉकिस्ट से उपलब्ध कराने में मदद की। इसकी जानकारी बंसल अस्पताल के सामने अग्रवाल मेडिकल हब में दवा दुकान संचालित करने वाले रमेश अग्रवाल को लग गई। आरोप है कि रमेश अग्रवाल ने एमआर को अपनी दुकान पर बुलाकर ना सिर्फ मारपीट और बदसलूकी की। बल्कि, दवा सस्ती दिलाने को लेकर माफीनामा भी लिखवाया।
दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा
जानकारी के अनुसार इसके बाद दोनों के बीच समझौता भी हो गया। सोशल मीडिया पर केमिस्ट की तरफ से एमआर से लिखवाया माफीनामा शेयर कर दिया। इसमें एमआर ने अपने स्टॉकिस्ट से 38 हजार की दवा 16 हजार में दिलाने का जिक्र किया है। साथ ही लिखा हैं कि मैं शर्मिंदा हूं। अब दोबारा ऐसा नहीं करुंगा।
पैशेंट असिस्टेंट प्रोग्राम के तहत की मदद
वहीं, एमआर ने कंपनी के पैशेंट असिस्टेंट प्रोग्राम ‘मरीज की मदद कार्यक्रम’ के तहत यह मदद करने की बात कही। ताकि सस्ती दवा लेकर मरीज का इलाज शुरू हो सके। मारपीट की शिकायत करने के सवाल पर एमआर ने अपना नाम नहीं छापने का अनुरोध कर कहा कि उनकी कंपनी का टॉप मैनेजमेंट इस मामले को देख रहा है। अब उनसे ही बात करें।
आरोप बेबुनियाद : केमिस्ट
उधर, अग्रवाल मेडिकल हब के संचालक रमेश अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने मारपीट नहीं की। इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। बिना लाइसेंस के दवा बेचने को लेकर रोका और समझाइश दी। अग्रवाल ने बिना लाइसेंस के दवा बेचने पर ड्रग डिपार्टमेंट में शिकायत करने के सवाल पर कहा कि वह बच्चा था, इसलिए उसे माफीनामा लिखवाकर छोड़ दिया। यह मामला भोपाल केमिस्ट ऐसोसिएशन के पास चल रहा है।
दोनों को समझा दिया था
वहीं, भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र धाकड़ ने कहा कि दोनों पक्ष एक सप्ताह पहले आए थे। उनके बीच मारपीट नहीं हुई। सुलह हो गई थी।