
नलों में गंदा पानी।
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बारिश के दिनों में इंदौर में नलों में आ रहे गंदे पानी का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। नगर निगम की पूर्व नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम ने यह याचिका लगाई है। फौजिया ने अलग-अलग स्थानों से नलों के सेंपल लेकर जांच भी कराई। जिसमें पानी दूषित पाया गया है। उसकी रिपोर्ट भी पेश की गई है। याचिका में कहा गया कि दूषित पानी पीन से लोग बीमार हो रहे है, लेकिन नगर निगम ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
शहर के ज्यादातर इलाकों में एक दिन छोड़कर पानी अा रहा है, लेकिन दूषित पानी आने से शहरवासियों को जलसंकट झेलना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया कि नगर निगम 30 दिन का पैसा लेकर 15 दिन पानी देता है, लेकिन नलों में आ रहे दूषित और बदबूदार पानी को रोकने में अफसर नाकाम है।
गंदे पानी की वजह से खजराना क्षेत्र के वार्डों में हैजा फैलने का खतरा बढ़ गया है। शहर के अन्य इलाकों में भी लोग बीमार हो रहे रहे है। आजाद नगर, मदीना नगर में भी दूषित पानी से लोग बीमार हो रहे है। याचिकाकर्ता ने दूषित पानी के सेंपल की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की। जिसमें पानी को पीने योग्य नहीं बताया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि नगर निगम करोड़ों रुपये जलकर के रुप में शहरवासियों से वसूल कर रहा है। इसके बावजूद गंदा पानी बांटा जा रहा है,जबकि इंदौर स्वच्छता में देशभर में नंबर वन है।