
मुरारी बापू शनिवार को उज्जैन में थे।
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भगवान शिव ने संसार का भय मिटाने के लिए व्यसन किया था, लेकिन आज की युवा पीढ़ी खुद व्यसन करती है और इसके लिए भगवान शिव को दोषी ठहराते हैं। ऐसा कभी नहीं होना चाहिए। आज में राष्ट्र के कल्याण की कामना को लेकर एक ऐसी शुद्ध और आध्यात्मिक की यात्रा पर निकला हूं, जिसके माध्यम से मैं सभी ज्योतिर्लिंगों पर भगवान शिव को भगवान राम की कथा सुना रहा हूं। यात्राएं देश में होती रही हैं, शंकराचार्य जी ने भी यात्राएं की थीं।
यह बात रामकथा वाचक मुरारी बापू ने उज्जैन आगमन पर अमर उजाला से कही। मुरारी बापू ने बताया कि दो वर्षों पूर्व में बाबा महाकाल के दर्शन करने आया था, लेकिन अब बाबा महाकाल का दरबार ही नहीं यह उज्जैन भी बदल चुका है। इस शहर का विकास हो चुका है। बाबा महाकाल का महाकाल लोक भी अद्भुत और अविस्मरणीय दिखाई देता है। आपने मंदिरों में वीआईपी कल्चर प्रश्न के जवाब में बताया कि मंदिरों में वीआईपी कल्चर होना चाहिए, लेकिन इसका इतना भी अधिक प्रभाव नहीं होना चाहिए कि आम श्रद्धालु भगवान के दर्शनों का लाभ न ले सके। भगवान सभी के हैं इसीलिए आम और खास सभी लोगों को उनके दर्शन हो ऐसी व्यवस्थाएं होना चाहिए।
महाकाल मंदिर में शिवलिंग के क्षरण के जवाब में आपने कहा कि विज्ञान और धर्म को जोड़कर जो भी बीच का रास्ता निकलता है उसका उपयोग कर शिवलिंग की क्षरण से बचाना चाहिए। मणिपुर में हो रही घटनाओं पर बापू ने कहा कि देश की बहन बेटी के साथ गलत होना मुझे उद्वेलित कर देता है। ऐसी घटनाएं नहीं होना चाहिए। यह गलत है। रामकथा को पाठ्यक्रमों में पढ़ाने के सवाल पर मुरारी बापू बोले कि इसमें कुछ गलत नहीं है भगवान श्री राम की कथा हमेशा प्रेरणा देती रही है और देती रहेगी।