ललितपुर। नगर पालिका ने 1997 में गजट पास करते हुए, नगर में संचालित होने वाले नर्सिंग होम, क्लीनिक, छोटे अस्पताल व पैथालॉजी संचालकों की लाइसेंस फीस निर्धारित किया था। लेकिन पालिका अभी तक इन लोगों ने नगर पालिका को एक रुपया भी जमा नहीं किया है, अधिशाषी अधिकारी ने 25 साल का बकाया नोटिस इन्हें जारी किया है। जिसकी कुल धनराशि 61 लाख 27 हजार 717 रुपये है।

नगर पालिका ने शहरी क्षेत्र में 51 लोगों को पंजीकृत किया है। इसमें निजी छोटे अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक पैथलॉजी सेंटर, एक्स-रे मशीन सेंटरों के लाइसेंसों की फीस निधारित की थी। लेकिन इन सभी लोगों ने इस गजट के पास होने के बाद से लाइसेंस फीस जमा नहीं की है। जिससे उसका बकाया लगातार बढ़ता जा रहा था। नगर पालिका के नवीन बोर्ड गठन के बाद आय बढ़ाने के लिए पुरानी पत्रावली खंगाली गई। अधिशाषी अधिकारी निहाल चंद्र ने लंबे समय से चल लंबित चल रही लाइसेंस फीस भरने के लिए इन अस्पतालों व जांच सेंटरों के संचालनों को नोटिस जारी किया है। अगर नगर पालिका के पास वर्षों से लंबित चल रही इस धनराशि को समय से जमा कर दिया जाएगा। तो निश्चत ही पालिका की आय में काफी बढ़ोतरी होगी।

प्रतिवर्ष का शुल्क यह है निर्धारित

स्वास्थ्य सेंटरों का प्रकार- निर्धारित फीस

नर्सिंग होम 20 बेड तक- 2000 रुपये

नर्सिंग होम 20 बेड से ऊपर- 5000 रुपये

छोटा अस्पताल – 5000 रुपये

पैथलॉजी सेंटर – 1000 रुपये

एक्स-रे मशीन – 2000 रुपये

डेंटल क्लीनिक – 4000 रुपये

निजी क्लीनिक – 3000 रुपये

लाइसेंस फीस जमा करें, लगाया सौ रुपये जुर्माना

फीस की शीघ्र वसूली के लिए पालिका ने न्यायालय की शरण ली। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सभी निजी स्वास्थ्य सेंटरों के संचालकों पर शीघ्र लाइसेंस फीस अदा करते हुए, सौ रुपये जुर्माने का अर्थदंड लगाया है, अर्थदंड न देने की स्थित में पांच दिन के कारावास की सजा सुनाई है।

बकायेदारों की सूची में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भी शामिल

नगर पालिका ने जो बकायादारों की सूची जारी की है, उसमें कई लोग मृत हो चुके हैं। लेकिन इन्होंने जिंदा रहते कभी नगर पालिका की लाइसेंस फीस जमा नहीं की है, इनमें स्वर्गीय पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अरविंद जैन व स्वर्गीय पूर्व पालिकाध्यक्ष सतीश सुड़ेले भी शामिल हैं। हालांकि पालिका मृत हो चुके संचालकों के वारिस से लाइसेंस फीस अदा करने की गुजारिश कर रहा है।

नगर में निजी स्वास्थ्य सेंटर, नर्सिंग होम, पैथालॉजी, एक्सरे सेंटर, क्लीनिक पर 1997 में लाइसेंस फीस निर्धारित की थी। जिसको इन स्वास्थ्य सेंटर वालों ने नहीं किया जमा। अब सभी संचालकों से वसूली के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इनमें कुछ संचालक तो मृत हो चुके हैं। उनके वारिसों से यह धनराशि वसूली की जाएगी।

– निहालचंद्र, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका परिषद ललितपुर



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