अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। नशे की डोज न मिलने से परेशान युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों के मुताबिक युवक मुल्तानी मिट्टी में पेट्रोल मिलाकर खाता था। नशे का इंजेक्शन भी लगाता था। बीमार हो जाने से परिवार के लोग उसे नशा नहीं करने दे रहे थे। इससे वह परेशान रहता था। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।

नवाबाद थाना क्षेत्र के पिछोर निवासी मलखान दोहरे के मुताबिक उनका इकलौता बेटा शुभम (25) नशे का आदी था। घर में सबके सो जाने के बाद मुल्तानी मिट्टी में पेट्रोल डालकर उसे खाने के साथ ही वह नशे का इंजेक्शन लगाता था। कई दफा उन लोगों ने उसे मना किया लेकिन, शुभम मानता नहीं था। रोकने पर परिवार में झगड़ा करता था। तीन दिन पहले उसे पेट में दर्द हुआ। मेडिकल कॉलेज में दिखाने पर उसकी आंतों में तीन जगह मिट्टी जमी पाई गई। उसमें संक्रमण हो गया था। डॉक्टरों ने दवा देकर घर भेज दिया। इसके बाद से परिवार के लोग शुभम पर कड़ी निगाह रखने लगे। उसे नशे का डोज बिल्कुल नहीं मिल पा रहा था। शुक्रवार रात उसने अपने हाथ से आलू की सब्जी बनाई। यह सब्जी उसने सबको खिलाई। इसके बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया। शनिवार सुबह जब वह कमरे से बाहर नहीं आया तब दरवाजा तोड़ा गया। अंदर उसका शव तौलिए से बने फंदा में लटका था। सूचना मिलने पर नवाबाद पुलिस भी पहुुंच गई। उसने शव पोस्टमार्टम कराया। इकलौते बेटे की मौत से

पढ़ने मेें था होशियार, दस दिन पहले छोड़ दी थी नौकरी

परिजनों के मुताबिक शुभम पढ़ने-लिखने में होशियार था लेकिन, नशे की वजह से उसका कैरियर नहीं बन सका। आईटीआई करने के बाद वह कोचिंग और स्कूल में पढ़ाने जाता था। पिछले करीब तीन महीने से एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था लेकिन, दस दिन पहले ही उसने यह नौकरी छोड़ दी थी। शुभम मां-बाप का इकलौता बेटा था। उससे छोड़ी एक बहन स्नेहा है।



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