अमर उजाला ब्यूरो
झांसी/ ललितपुर। बेतवा नदी के कैचमेंट इलाके में लगातार बारिश होने से छह दिन बाद शुक्रवार को फिर से माताटीला बांध के गेट खोलने पड़े। बांध का जल स्तर बरकरार रखने के लिए शुक्रवार को बांध के 18 गेट खोले गए। देर-रात तक करीब 80 हजार क्यूसिक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया। अभियंताओं ने देर रात तक पानी के बहाव में तेजी की उम्मीद जताई है। उधर, बेतवा नदी में बहाव तेज होेने से निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
झांसी, ललितपुर समेत बेतवा के कैचमेंट इलाके विदिशा व अन्य क्षेत्रों में पिछले 36 घंटे से बारिश होने से बेतवा उफनाने लगी है। माताटीला बांध का जलस्तर 306.96 मीटर बनाए रखने को शुक्रवार देर-रात माताटीला बांध के 12 गेट दो फुट ऊंचाई पर जबकि 6 गेट चार फुट ऊंचाई पर खोले गए। इसके जरिए 80 हजार क्यूसिक पानी बाहर निकाला गया। माताटीला बांध के अधिशासी अभियंता मो.फरीद का कहना है सिंचाई अभियंताओं के मुताबिक देर-रात बेतवा के बहाव में तेजी आने की उम्मीद है। करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी आने की उम्मीद है। बेतवा में तेज बहाव की संभावना को देखते हुए निचले इलाकों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
सुकुवां -ढुकुवां में फिर से बहाव शुरू
सुकुवां-ढुकुवां बांध के ऊपर से शुक्रवार रात फिर से बहाव आरंभ हो गया। बांध के ऊपर से पानी का बहाव पिछले चार दिनों से बंद हो गया था। इस वजह से पर्यटक मायूस होकर लौट रहे थे। अब करीब 60 हजार क्यूसेक पानी के बहाव होने से यहां फिर आकर्षक नजारा दिखने लगा है।
भांडेर-मोंठ मार्ग पर शाहपुर रपटा पानी में डूबा
धसान एवं सिंधु नदी भी उफान पर
झांसी। टीकमगढ़ और छतरपुर जिलों में भारी बारिश होने से धसान एवं सिंधु नदी भी उफान पर हैं। धसान नदी में पानी बढ़ने से लहचूरा बांध से 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। उधर, दतिया के सेवढ़ा कस्बे से निकली सिंधु नदी का जल स्तर भी शुक्रवार को तेजी से बढ़ गया। इस वजह से नदी ने निचले इलाकों की ओर से तेजी से रुख कर दिया। नदी का जल स्तर बढ़ने से भांडेर-मोंठ मार्ग पर बना शाहपुर रपटा पानी में डूब गया। इससे मोंठ से भांडेर आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। यहां पुलिस भी तैनात कर दी गई है।
कचनौंदा, भावनी और भौंरट से भी छोड़ा गया पानी
ललितपुर स्थित कचनौंदा बांध, भावनी व भौंरट बांध के जलस्तर में भी बढोत्तरी हुई। अगस्त माह में निर्धारित जलस्तर से अधिक पानी बांध में आने से इन बांधों के गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। कचनौंदा बांध से 2518 क्यूसेक, भावनी से 1050 क्यूसेक और भावनी बांध से 678 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।